Intranasal Booster Dose: DCGI ने भारत बायोटेक को दी मंजूरी, 9 जगहों पर होगा इंट्रानैसल बूस्टर डोज का ट्रायल

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (Drugs Controller General of India) यानी डीसीजीआई ने भारत बायोटेक को इंट्रानैसल कोरोना वायरस बूस्टर डोज (Intranasal Booster Dose) के ट्रायल की अनुमति दे दी है. ट्रायल 9 अलग-अलग जगहों पर किए जाएंगे. डीसीजीआई की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी (SEC) ने कंपनी की इंट्रानैसल कोविड-19 वैक्सीन के ‘चरण III बूस्टर डोज अध्ययन’ के लिए ‘इन-प्रिंसिपल’ मंजूरी दी है. भारत बायोटेक से तीन हफ्ते पहले मंजूरी के लिए प्रोटोकॉल जमा करने को कहा गया था.

कोरोना वायरस से लड़ने के लिए इंट्रानैसल कोविड-19 बूस्टर भारत में इस तरह का पहला हथियार है. वहीं भारत बायोटेक ऐसी दूसरी कंपनी है, जिसने तीसरे डोज के तीसरे चरण के ट्रायल के लिए आवेदन किया था. ऐसा माना जाता है कि इंट्रानैसल वैक्सीन में ओमिक्रॉन सहित कोरोना वायरस के विभिन्न वेरिएंट को फैलने से रोकने की क्षमता होती है. इस बीच स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Health Minister Mansukh Mandaviya) ने गुरुवार को कहा कि डीसीजीआई ने कुछ शर्तों के आधार पर वयस्क आबादी में उपयोग के लिए कोविड​​​-19 वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सिन को बाजार में उतारने की अनुमति दी है.

दुकानों में नहीं मिलेंगी वैक्सीन

इस लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बेशख कोविशील्ड और कोवैक्सीन को बाजार में बेचने की अनुमति मिल गई है, लेकिन फिर भी ये दुकानों में उपलब्ध नहीं होगी. इसे केवल निजी अस्पताल या फिर क्लीनिक से ही लिया जा सकेगा. यहां कोई भी व्यक्ति पहली, दूसरी या फिर तीसरी डोज लगवा सकता है (Covid-19 Vaccines in Market). लेकिन ऐसा करते हुए कोरोना वायरस के दिशा निर्देशों का पालन किया जाएगा. इसका मतलब ये कि बूस्टर डोज कोई भी जाकर नहीं लगवा सकेगा. ये केवल 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, फ्रंटलाइन कर्मियों और स्वस्थ्य कर्मियों को ही लगेगी.

सिर्फ कोवैक्सीन लगवा सकेंगे बच्चे

15 से 18 साल की उम्र के टीनेजर्स केवल पहली और दूसरी डोज ही लगवा सकेंगे. इसमें भी उन्हें कोवैक्सीन लगवाने की ही अनुमति होगी. लेकिन 15 साल से कम उम्र के बच्चों को अभी वैक्सीन नहीं लगाई जाएगी. इसके साथ ही निजी क्लिनिक या फिर अस्पताल में जो भी वैक्सीन लगेगी, उसे लेकर पहले की तरह कोविन ऐप पर जानकारी देनी होगी. ताकि वैक्सीन लगवाने वाले शख्स को उसका सर्टिफिकेट मिल सके. जबकि टीकाकरण अभियाव देश में पहले की तरह जारी रहेगा. लोगों को दिशा निर्देशों के मुताबिक मुफ्त में वैक्सीन लगाई जाएगी. लेकिन अगर कोई चाहे, तो अपनी मर्जी से निजी अस्पताल या फिर क्लिनिक में भी जा सकता है.