अभिजीत सरकार हत्याकांड मामले में CBI अभी भी खाली हाथ, 5 आरोपियों पर 50-50 हजार का इनाम घोषित किया

पश्चिम बंगाल (Bengal Post-Poll Violence) में चुनाव परिणाम के दिन हुए अभिजीत सरकार हत्याकांड मामले (Abhijit Sarkar Murder Case) में सीबीआई (CBI) ने पांच आरोपियों के खिलाफ 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है. पांच आरोपियों में एक महिला भी शामिल है. सीबीआई ने सूचना देने वाले को हर व्यक्ति पर 50 हजार का इनाम देने का एलान किया है. सीबीआई की विशेष अदालत ने इन सभी को भगोड़ा घोषित कर दिया है. कोलकाता सिटी में चुनाव के बाद हुई हिंसा में अकेला मर्डर का मामला है. चुनाव परिणाम के दिन अजीत सरकार ने फेसबुक लाइव किया था और उसके फौरन बाद उसकी हत्या कर दी गई थी. कोलकाता हाईकोर्ट द्वारा इस बाबत जांच सीबीआई को सौंपें जाने के बाद सीबीआई ने अब तक जो 50 मुकदमे दर्ज किए हैं उनमें यह मामला भी शामिल है. पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामलों में यह पहला इनाम घोषित किए जाने का मामला है.

कुल 14 धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज

CBI के मुताबिक इस मामले में हत्या और सबूत मिटाने संबंधी जैसे गंभीर आपराधिक धाराओं के तहत कुल 14 धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मुकदमे को पहले कोलकाता पुलिस ने दर्ज किया था. सीबीआई का कहना है कि इन पांचों ने जांच में सहयोग नहीं किया और फरार हो गए. सीबीआई के अनेक प्रयासों के बावजूद जब ये लोग पेश नहीं हुए तो सियालदह की विशेष अदालत में इन लोगों के खिलाफ जानकारी दी. जिसके आधार पर कोर्ट ने इन सभी को भगोड़ा घोषित कर दिया.

Bengal Violence

इसके बाद सीबीआई ने इन पांचों के खिलाफ सूचना देने वाले को 50- 50 हजार रुपए का इनाम प्रति व्यक्ति दिए जाने की घोषणा की है. इन पांचों की बाबत सीबीआई की विशेष अपराध शाखा कोलकाता के मोबाइल नंबर 9433044837 और लैंडलाइन नंबर 033-23348713 पर सूचना दी जा सकती है. सीबीआई के मुताबिक अब ऐसे भगोड़े आरोपियों के खिलाफ अन्य मामलों में भी कार्रवाई शुरू की जाएगी मामले की जांच जारी है.

क्या है मामला?

2 मई 2021 को अभिजीत सरकार ने TMC के खिलाफ एक फेसबुक लाइव किया था जिसके कुछ ही देर बाद उनकी हत्या कर दी गई थी. इस लाइव में उसने आरोप लगाया था कि TMC के गुंडे लगातार बमबारी कर रहे थे और उनके घर और दफ्तर को तहस-नहस कर डाला था. उस लाइव के मुताबिक कोलकाता के बेलिहाता में वॉर्ड संख्या 30 से हिंसा की शुरुआत हुई और परेश पॉल और स्वप्न समंदर जैसे तृणमूल नेताओं के नेतृत्व में सारी तोड़फोड़ हुई थी.