माइग्रेन के मरीजों को हो सकती है हार्ट से जुड़ी समस्याएं? जानें कैसे रखें अपने दिल का ख्याल

Migraines Linked to Heart Disease and Stroke: माइग्रेन  (Migraine) आज के समय में एक बहुत बड़ी बीमारी के रूप में उभरकर सामने आ रही है. माइग्रेन होने के कई कारण है. कई बार कम उम्र में ही ये समस्या लोगों को जकड़ लेती है. आज के समय में लड़को के मुकाबले ये बीमारी लड़कियों में अधिक पाई जाती है. लेकिन क्या आप माइग्रेन और हार्ट ड‍िसीज (Heart Disease) के संबंध के बारे में जानते हैं. आपको बता दें क‍ि ब्‍लड वैसल्‍स सें माइग्रेन (Migraine issue) के कारण सूजन आ जाती है, जिसके कारण से मरीज में  हार्ट ड‍िसीज का र‍िस्‍क भी काफी बढ़ जाता है. अगर आपको इस बारे में पता है तो डॉक्टर्स से संपर्क जरूर करें. कुछ रिपोट्स और एक्सपर्ट्स की मानें तो माइग्रेन के मरीजों को हार्ट अटैक का र‍िस्‍क सामान्‍य व्‍यक्‍त‍ि से 50 प्रत‍िशत से अधिक होता है. जिन लोगों को हर हफ्ते ये दर्द जगड़े रहता है उनके लिए ये खतरा अधिक हो जाता है. अगर आप भी माइग्रेन की बीमारी से पीड़ित हैं, तो जानिए आपके लिए किन टिप्स को फॉलो करना आवश्यक होता है.

माइग्रेन के पेशेंट को क्‍यों होता जाता है हार्ट की बीमारी का खतरा?

आपको बता दें कि जिन भी लोगों तो माइग्रेन होता है उनको दिल की बीमारी होने का अधिक खतरा होता है. माइग्रेन के मरीजों को अगर बेचौनी, घबराहट, सांस लेने में दिक्कत, चक्कर आना आदि लक्षण दिखते हैं तो डॉक्टर से तुरंत ही संपर्क करना चाहिए. बता दें कि माइग्रेन के दौरान मरीज के द‍िमाग के एक छोटे से ह‍िस्‍से में ब्‍लड सर्कुलेशन कुछ वक्त के ल‍िए कम हो जाता है ज‍िससे ब्‍लड वैसल्‍स में सूजन आ जाती है, जिस कारण से से हार्ट से संबंधित समस्याओं को खतरा बढ़ जाता है.

माइग्रेन के मरीजों को क्यों होता है स्‍ट्रोक का खतरा

अगर आप भी माइग्रेन के मरीज हैं तो आपको स्‍ट्रोक का खतरा भी बना रहता है.हालांकि ये समस्या अधिकांश रूप से 40 पार होने के बाद होती है. माइग्रेन के कारण से द‍िमाग में ब्‍लड वैसल्‍स की गत‍ि कुछ समय के ल‍िए कम या फिर रुक सी जाती है को स्ट्रो क खतरा भी बढ़ता है. अगर आप खुद को स्ट्रोक के खतरे से बचाए रखना चाहते हैं तो आपको अपना बीपी कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी है. इसके अलावा आप स्मोक के सेवन से भी खुद को दूर रखें या फिर सिगरेट के धुएं से भी दूर रहें. इसके साथ ही वजन को भी कंट्रोल में रखना चाहिए.

माइग्रेन के मरीजों को अपने दिल का हमेशा पूरा ध्यान रखना चाहिए. क्योंकि आपका दिल इस बीमारी के कारण खतरे में रहता है. जिन भी मरीजों को माइग्रेन होता है, उनका बीपी लो होने की संभावना भी अधिक होती है ज‍िससे हार्ट ड‍िसीज का खतरा बढ़ता है. आपको बता दें कि हार्ट अटैक या फिर  स्‍ट्रोक से माइंड की ब्‍लड वैसल्‍स में रुकावट आती है, जिससे माइग्रेन, शरीर में हार्ट ड‍िसीज का कारण बन सकता है. अगर आप माइग्रेन के मरीज हैं तो इन बातों का ध्यान रखें-

किन बातों का रखना चाहिए ध्यान

1- इन मरीजों को खाने में कम नमक का सेवन करना चाहिए. अक्सर खाने में प्रोसेस्‍ड फूड्स का इस्‍तेमाल लोग करते हैं पर इससे उनकी परेशानी बढ़ सकती है, दरअसल इसमें सोड‍ियम की मात्रा काफी होती है.

2- माइग्रेन को मरीजों को रोज करीब 30 मिनट तक वर्कआउट जरूर करना चाहिए. अगर आप वर्कआउट या फिर योग करते हैं को माइग्रेन से राहत पा सकते हैं.

3- इन मरीजों को कभी भी अपना बहुत वजन नहीं बढ़ने देना चाहिए. जहां तक हो डायटीश‍ियन से संपर्क करके डाइट चार्ट को फॉलो करना चाहिए. या फिर हेल्दी फूड का ही सेवन करना चाहिए और अधिक से अधिक पानी को पीना चाहिए.

4- माइग्रेन के मरीजों को फाइबर युक्‍त भोजन का सेवन करना चाहिए, इससे कोलेस्‍ट्रॉल की मात्रा कम होगी और माइग्रेन के होने वाले दर्द से भी राहत मिल सकती है.

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