देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्री ने क्यों वापस खरीदें 4000 करोड़ रुपये के बॉन्ड, इससे क्या होगा निवेशकों पर असर

बाजार की ज्यादातर कंपनियों के विपरीत मजबूत वित्तीय स्थिति के बूते रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) ने करीब 4000 करोड़ रुपए के घरेलू बांड वापस खरीदे हैं. बीते हफ्ते गुरुवार और शुक्रवार को हुई थी कंपनी की ओर से बांड्स की खरीदारी. दरअसल कंपनी ने अधिक ब्याज वाले बॉन्ड्स (Bonds) का भुगतान करने का फैसला लिया है.आपको बता दें कि कंपनी की ओर से वापस खरीदे गए तीन साल की मैच्योरिटी वाले बांड्स पर 6.95 से 7.2% तक की ब्याज दर थी. जिस हिसाब से बांड्स को वापस खरीदे गए हैं उसके मुताबिक मार्च, अप्रैल, मई और सितंबर 2023 में मैच्योरिटी वाले इन बांड्स की मौजूदा यील्ड 4.82-5.1% के बीच आंकी जा रही है.

क्या है मामला

सूत्रों के मुताबिक रिलायंस इंडस्ट्रीज ने बाजार में सभी को बांड्स के बायबैक के लिए ओपन ऑफर दिया था. इस बायबैक में म्यूचुअल फंड्स ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया है. जिन म्यूचुअल फंड्स ने हिस्सा बेचा है उनमें IDFC, आदित्य बिड़ला, एसबीआई, डीएसपी, इंवस्को जैसे फंड हाउस शामिल हैं.

हालांकि रिलायंस इंडस्ट्रीज के बांड्स उम्दा ट्रिपल ए रेटिंग और बाजार में उपलब्धता की कमी के चलते हमेशा प्रीमियम मिलते हैं. यही वजह है कि ज्यादातर फंड हाउस बांड वापस बेचने के लिए बेहतर यील्ड या कीमतों का इंतजार करते हैं.

अब सबसे बड़ी सवाल जो सबके मन में तैर रहा है, वो ये है कि आखिर कंपनी कर क्या रही है? क्योंकि जनवरी की शुरुआत में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 2.875-3.75% की दर पर 4 अरब डॉलर की विदेशी रकम जुटाई थी. तो फिर अब घरेलू बाजार से बांड्स वापस खरीदने की क्या वजह है. चलिए समझते हैं.

दरअसल दुनियाभर में सस्ती ब्याज दरों का दौर लगभग खत्म हो चुका है और आगे दरों में बढ़ोतरी की ही आशंका है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व समेत कई सेंट्रल बैंकों ने सिस्टम से लिक्विडिटी घटानी शुरू कर दी है जिससे यील्ड्स में बढ़ोतरी हो रही है.

अमेरिका और भारत में 10 साल की बांड यील्ड दो साल के उच्चतम स्तर यानी कि कोरोना के पहले के स्तरों पर पहुंच गई थी. दरें बढ़ने की आशंका से कंपनियां महंगे कर्ज की री-स्ट्रक्चरिंग कप रही हैं. रिलायंस के पास तो वैसे ही सस्ता कर्ज रखा है जिसका इस्तेमाल कंपनी महंगा कर्ज चुकाकर ब्याज में बचत के लिए कर रही है.