गणतंत्र दिवस परेड में नेताजी पर बंगाल की झांकी शामिल नहीं किये जाने का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, हुई सुनवाई

नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर आधारित पश्चिम बंगाल की झांकी को गणतंत्र दिवस परेड में शामिल नहीं करने का मामला कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) में पहुंच गया है. इसे लेकर हाईकोर्ट में PIL दायर की गई है, जिस पर आज सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने सवाल किया कि बस एक दिन और बाकी है. इतनी देर क्यों की गई? मुख्य न्यायाधीश आज वेबसाइट पर फैसले की घोषणा करेंगे. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि नेताजी के मामले में बहुत देर हो चुकी थी. बंगाल के एडवोकेट जनरल ने कहा कि केंद्र और राज्य इस मुद्दे पर बात कर रहे हैं. वहीं याचिकाकर्ता वकील ने आरोप लगाया कि नेताजी देश नायक और स्वतंत्रता सेनानी हैं, लेकिन नेताजी की हमेशा उपेक्षा की जाती रही है. हालांकि इस झांकी को क्यों शामिल नहीं किया गया. इस बारे में केंद्र के वकील के पास कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं है.

राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मुद्दे पर रविवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित करने का वादा करके महान स्वतंत्रता सेनानी पर आधारित राज्य की गणतंत्र दिवस झांकी को शामिल न करने की अपनी गलती से पल्ला नहीं झाड़ सकती. ममता बनर्जी ने दोहराया कि झांकी को सरसरी तौर पर खारिज करने का कोई कारण नहीं बताया गया.

‘केंद्र ने झांकी को ठुकराकर बंगाल के साथ अन्याय किया’

सीएम बनर्जी कहा, “हम यहां रेड रोड पर गणतंत्र दिवस परेड के दौरान झांकी निकालेंगे। आप देखेंगे कि यह कितनी जीवंत और रचनात्मक झांकी है, जो नेताजी की वीरता और स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ की भावना को समेटे हुए है. केंद्र झांकी को ठुकराकर पश्चिम बंगाल के साथ हुए अन्याय से अपना पल्ला नहीं झाड़ सकता है.” झांकी का विषय नेताजी सुभाष चंद्र बोस और उनके INA की 125वीं जयंती पर उनके योगदान को याद करना था. महान स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष को याद करते हुए उनके चित्रों को झांकी में शामिल किया गया था, लेकिन बंगाल सीएम के मुताबिक इसे केंद्र की तरफ से अस्वीकार कर दिया गया है. इस पर पश्चिम बंगाल की सीएम ने कहा कि इसका बहिष्कार इन स्वतंत्रता सेनानियों के महत्व को कम आंकने के बराबर है.

झांकी को लेकर शुरू हो गयी है सियासत

गणतंत्र दिवस परेड के मौके पर विभिन्न राज्यों की झांकी पर सियासत शुरू हो गई. कुछ राज्यों की झांकी को अस्वीकृत किए जाने के बाद केंद्र पर पक्षपात का आरोप लगाया जा रहा है.  दरअसल, गणतंत्र दिवस की परेड से पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल की झांकी को हटा दिया गया था. इस मामले में केंद्र सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय मंत्रालयों से कुछ 56 प्रस्ताव आए थे, इनमें से 21 को शॉर्टलिस्ट किया गया था.