कांकेर 21 जनवरी (वेदांत समाचार)। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का कांकेर जिले में बेहतर क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिसके सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं। इस अभियान के तहत् कुपोषित बच्चों, गर्भवती माताओं और पोषक माताओं को आंगनबाड़ी कार्यकता घर-घर जाकर कोदो की खिचड़ी और रागी से बने पौष्टिक हलवा खिला रहे है, जिससे कुपोषण की दर में कमी आ रही है।
कांकेर विकासखण्ड के ग्राम कुलगांव में 13 अगस्त 2020 को जन्मे मानसी का वजन 2 किलो 300 ग्राम था, जन्म से ही कम वजन होने के कारण वे कुपोषित की श्रेणी में आ गई थी तथा कमजोर होने के कारण अपनी मां का दूध भी अच्छे से नहीं पी पा रही थी। कुलगांव के आंगनबाड़ी केन्द्र में उनका नाम पंजीयन होने के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शकुन्तला कोरेटी और सहायिका अमरीका मण्डावी ने गृह भेंट कर माता गंगा को समय-समय पर अपने बच्चे को दूध पिलाने के लिए सलाह दी गई। छः माह पश्चात अन्नप्रासन के बाद बच्चे को कम मात्रा में ऊपरी आहार के रूप में रेडी-टू-ईट भी खिलाये जाने की जानकारी दी गई, फिर भी उनकी वजन 100-200 ग्राम से ज्यादा नहीं बढ़ पा रही थी।
सेक्टर सुपरवाईजर ने स्वास्थ्य पोषण दिवस के दिन माह नवंबर में पोषण पुनर्वास केन्द्र जाने के लिए उनके माता को तैयार किया गया और उन्हें नवंबर में ही पोषण पुनर्वास केन्द्र कांकेर में भर्ती कराया गया। पोषण पुनर्वास केन्द्रों में माता और बच्चें को 15 दिवस रहने के पश्चात उन्हें समय-समय पर हलवा, दलीया, फल, दूध थेरेटिक फूड, खिचड़ी, खीर और दवाईयां के साथ पौष्टिक आहार दिया जाता है।
बच्ची मानसी मण्डावी पोषण पुनर्वास केन्द्र कांकेर में 15 दिवस रहने के पश्चात घर वापसी के समय उनका वजन 6 किलो 500 ग्राम हो गया। माता गंगा मण्डावी बताती है कि पोषण पुनर्वास केन्द्र में बच्ची के साथ रहने पर मुझे शासन ने 2 हजार 250 रूपये का चेक भी प्रदान किया । अपने घर आने के पश्चात मानसी को प्रतिदिन आंगनबाड़ी केन्द्र में कोदो की खिचड़ी और रागी का हलवा खिलाया जा रहा है, अब मानसी का वजन लगातार बढ़ने लगा है, वर्तमान में बच्ची का वजन 8 किलोग्राम हो गया है। गंगा मण्डावी ने जानकारी देते हुए बताई कि मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के बेहतर क्रियान्वयन से कुपोषित मानसी अब सुपोषित होकर सामान्य श्रेणी में आ गई है। अपने बच्चे को स्वस्थ और तंदरूस्थ देखकर मानसी के माता-पिता ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद किया।
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