देश को पहला IIT वाला विधायक और फिर मुख्यमंत्री देने वाला राज्य

गोवा (Goa) देश के उन 5 राज्यों में शुमार है जहां पर विधानसभा चुनाव (Assembly election 2022) होने हैं और राजनीतिक दलों ने ज्यादातर सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है. राजनीतिक लिहाज से गोवा  भले ही बहुत बड़ी हैसियत नहीं रखता हो, लेकिन इस छोटे से राज्य के खाते में कुछ ऐसे रिकॉर्ड दर्ज है जो बेमिसाल है. बतौर केंद्र शासित प्रदेश गोवा ने देश को पहली महिला मुख्यमंत्री (Chief Minister) दिया, बाद में राज्य बनने पर देश को पहला आईआईटी डिग्रीधारक विधायक और मुख्यमंत्री भी दिया.

गोवा ने 30 मई 1987 को केंद्र शासित प्रदेश की जगह पूर्ण राज्य के रूप में दर्जा हासिल किया. बतौर केंद्र शासित प्रदेश गोवा ने देश की पहली महिला मुख्यमंत्री (शशिकला काकोडकर) दिया था. गोवा ने देश को सबसे पहले आईआईटी वाला विधायक दिया. आईआईटी से निकलने वाले देश के पहले विधायक थे मनोहर पर्रिकर (Manohar Parrikar) जो बाद गोवा के मुख्यमंत्री और फिर देश के रक्षा मंत्री भी बने.

1978 में मनोहर ने हासिल की थी IIT की डिग्री

1955 में गोवा के मापुसा में पैदा होने वाले मनोहर पर्रिकर ने 1978 में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, बॉम्बे से मेटेलॉर्जिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की. वह 90 के दशक में बीजेपी के राम मंदिर आंदोलन से भी जुड़े रहे. मनोहर स्कूल के दिनों से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ गए थे और संघ के लिए प्रचारक का काम भी किया.

मनोहर पर्रिकर 1994 में अपने दूसरे प्रयास में चुनाव जीतने में कामयाब हो गए जब वह गोवा विधानसभा के लिए चुन लिए गए. पर्रिकर ने गोवा विधानसभा में पणजी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. इससे पहले 1991 में उन्होंने पहली बार प्रयास किया लेकिन उनका चुनावी पदार्पण असफल रहा. 1991 के लोकसभा चुनावों में उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार हरीश ज़ांटे से हार का सामना करना पड़ा.

साल 2000 में पहली बार बने मुख्यमंत्री

इसके बाद मनोहर पर्रिकर राजनीति में लगातार कामयाबी हासिल करते रहे. 1999 में वह विधानसभा में विपक्ष के नेता बने. इसके करीब सालभर बाद मनोहर पर्रिकर 24 अक्टूबर 2000 को पहली बार मुख्यमंत्री बने. हालांकि, उनका कार्यकाल केवल 27 फरवरी, 2002 तक ही चला. लेकिन देश की राजनीति में वह पहले ऐसे राजनेता रहे जिन्होंने आईआईटी से पढ़ाई की और फिर राजनीति में भी कामयाबी हासिल की.

5 जून 2002 को पर्रिकर फिर से चुने गए और दूसरी बार गोवा के मुख्यमंत्री बने. हालांकि 2007 के चुनाव में पर्रिकर की अगुवाई में चुनाव लड़ने वाली बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा. 5 साल बाद 2012 में मनोहर पर्रिकर की अगुवाई में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया और 24 सीट हासिल कर ली, जबकि सत्तारुढ़ कांग्रेस के खाते में महज 9 सीटें ही गईं. वह फिर से मुख्यमंत्री बने.

लेकिन 2014 में नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र में बीजेपी की सरकार बनने पर वह रक्षा मंत्री बनाए गए और उन्हें मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ा. वह नवंबर 2014 से मार्च 2017 बतौर रक्षा मंत्री दिल्ली में रहे.

2017 में दिल्ली से लौटे गोवा

2017 के विधानसभा चुनाव में जब कांग्रेस 16 सीट हासिल करते हुए सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी तो महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी की ओर से यह ऐलान किए जाने के बाद की वह मनोहर पर्रिकर के मुख्यमंत्री बनने पर ही बीजेपी को समर्थन करेंगे, ऐसे में 14 सीट जीतने वाली बीजेपी ने उन्हें गोवा भेजा और फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बने. वह इस बार लंबे समय तक पद पर बने नहीं रह सके और वह कैंसर की गिरफ्त में फंस गए. मार्च 2019 में उनका निधन हो गया.

हालांकि इस बार विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर मनोहर पर्रिकर का नाम चर्चा में है क्योंकि बीजेपी ने उनके बेटे उत्पल पर्रिकर को चुनाव के लिए अब तक टिकट नहीं दिया है. उत्पल को मनाने की कोशिशें चल रही हैं अब देखना होगा कि वह क्या फैसला लेते हैं.

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