रायपुर 20 जनवरी (वेदांत समाचार)। छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के बाद एशिया के सबसे बड़े मानव निर्मित जंगल सफारी में पर्यटकों की संख्या दिन ब दिन कम होती जा रही है। कोरोना संक्रमण से पहले जंगल सफारी धूमने के लिए एक दिन में चार हजार से अधिक पर्यटक पहुंचते थे, लेकिन पिछले 15 दिनों की बात करें तो सिर्फ 12 हजार 143 पर्यटक सफारी धूमने आए हैं। इससे सफारी को कुल 7 लाख 80 हजार 650 रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। वहीं वन्यजीवों को ध्यान में रखते हुए सफारी में आने वाले पर्यटकों की आरटीपीसीआर रिपोर्ट आनिवार्य कर दी गई है। आरटीपीसीआर रिपोर्ट के बाद ही सफारी में प्रवेश दिया जा रहा है।
- नया रायपुर में 800 एकड़ में फैली है जंगल सफारी
- – 131 एकड़ में खंडवा जलाशय फैला हुआ है।
- – शाकाहारी वन्यप्राणी सफारी- क्षेत्र 30 हेक्टेयर
- – भालू सफारी- क्षेत्र 20 हेक्टेयर
- – टाइगर सफारी क्षेत्र- 20 हेक्टेयर
- – शेर सफारी क्षेत्र- 20 हेक्टेयर
- – राजधानी के रेलवे स्टेशन से लगभग 35 किमी
- – स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डा से 15 किमी है।
- – राजधानी से 25 किलोमीटर दूर
- – सफारी में पर्यटकों को घुमने के लिए 26 बस संचालित
- – जंगल सफारी में 260 कर्मचारी कार्यरत हैं
- – सफारी का एक महीने का खर्च 23 लाख रुपये
- – सफारी में 43 बाड़े का निर्माण होना है जिसमें 37 बाड़े बनकर तैयार
- – 50 हेक्टेयर में हो रहा जू का काम
- – रायपुर से जंगल सफारी का एसी बस 40 रुपये किराया
जानिए कितना है जंगल सफारी का किराया
- – 100 रुपये सफारी और 50 जू का
- – 12 से 18 वर्ष की आयु के बच्चे का जंगल सफारी का 50 और जू का 25 रुपये
- – 0 से 12 वर्ष के बच्चे फ्री है।
नाम पहले – अब
- बंगाल टाइगर 02 – 06
- शेर 04 – 07
- भालू 02 – 07
- चीतल 40 – 126
- काला हिरण 22 – 46
- नीलगाय 06 – 21
- कोट्री 05 – 07
- सांभर 04 – 09
कोरोना को लेकर बरत रहे सजगता
कोरोना संक्रमण के चलते जंगल सफारी में पर्यटकों की संख्या में गिरावट आई है। कोरोना को लेकर सफारी में एहतियात बरता जा रहा है। -अभय पाण्डेय,
सह संचालक जंगल सफारी रायपुर
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