राजनांदगांव 20 जनवरी (वेदांत समाचार)। छत्तीसगढ़ के अंबागढ़ चौकी के ग्राम चिखली में बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां जिंदा व्यक्ति को मृत बताकर उसका पेंशन रोक दिया गया है। जिंदा व्यक्ति खुद को जीवित का प्रमाण देकर अधिकारियों के दफ्तर का चक्कर लगा रहा है। मामले में पंचायत सचिव ने गड़बड़ी की है। जब इस बड़ी लापरवाही की पोल खुली तो अधिकारी ने एक छोटी गलती मानते हुए उस सचिव को नोटिस जारी करते हुए उस पेंशनधारी हितग्राही को राशि अपने जेब से देने का हुक्म जारी कर दिया और फिर से आवेदन उस हितग्राही का लिया गया।
बुजुर्ग गैंदुराम साहू ने बताया कि सरकारी दस्तावेजों में जिंदा रहते मुझे मरा हुआ दिखा दिया और पेंशन रोक दिया। सरकारी स्तर से स्वीकृति मिलने के बाद 2014 से लगातार पेंशन मिल रहा है। हाल में 2021 के जून माह से पेंशन रोक दी गई, क्योंकि इन्हें सरकारी दस्तावेजों में मृत बता दिया गया। इसके बाद आठ महीने से बुजुर्ग गैंदुराम को पेंशन नहीं मिल रहा है। बुजुर्ग अपने पेंशन के लिए दर – दर ठोकरें खा रहा है।
इस संदर्भ में बुजुर्ग गैंदुराम ने जनपद के संबंधित अधिकारी को अर्जी देकर पेंशन की सूची में पुनः नाम जोड़कर पेंशन चालू करने की गुहार लगाई थी, जिसके बाद जनपद के संबंधित अधिकारी सचिव को बचाने फिर से नए तरीके से आवेदन आनलाइन कर नाम जोड़ दिया और सचिव से हितग्राही को तीन महीने का पेंशन नकदी दिलवाकर मामला से हाथ खिंच लिया है। बुजुर्ग गैंदुराम का एक बेटा भी है जो मजदूरी कर अपना घर चलाने का काम करता है।
ग्राम पंचायत चिखली के सचिव भीमराव अंबादे ने इस मामले में बताया कि जिस व्यक्ति का पेंशन से नाम मेरी वजह से कट गया था,उस हितग्राही को मैंने अपनी ओर उस राशि को दे दिया व इस मामले में मुझे जनपद से नोटिस भी जारी हुआ था।जनपद पंचायत सीईओ ने इस मामले में कहा कि इस लापरवाही के चलते हमने ग्राम पंचायत चिखली सचिव को नोटिस जारी किया, नोटिस मिलने के बाद उस सचिव ने अपनी जेब से उस पेंशनधारी हितग्राही को राशि दे दी है तथा पेंशन के लिए उस हितग्राही का आवेदन आगे बढ़ा दिया गया,जल्द ही उस हितग्राही को बुजुर्गावस्था पेंशन का फायदा मिलेगा।
[metaslider id="347522"]