पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में जीत के बाद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) राज्य में और भी ताकतवर होकर उभरी हैं. इसके साथ ही पार्टी में सांसद और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) का भी कद बढ़ा है. अभिषेक बनर्जी को पार्टी महासचिव की जिम्मेदारी दी गई है. उनके नेतृत्व में टीएमसी (Trinamool Congress) की विभिन्न राज्यों में विस्तार की योजनाएं बनाई जा रही है. अब पार्टी के महासचिव पार्थ चटर्जी ने तृणमूल कांग्रेस के संगठनात्मक चुनाव के दिन की घोषणा की. संगठनात्मक चुनाव 31 मार्च तक होना है. इसी तरह राज्य की सत्ताधारी पार्टी का संगठनात्मक चुनाव 2 फरवरी को होगा. इस चुनाव के बाद पार्टी में ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी और भी शक्तिशाली होकर उभरेंगे.
पार्टी महासचिव पार्थ चटर्जी ने मंगलवार दोपहर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि चुनाव प्रक्रिया नेताजी इंडोर स्टेडियम में होगी. चुनाव प्रक्रिया सभी कोरोना प्रतिबंधों के अनुपालन में पूरी की जाएगी. पार्थ चटर्जी तृणमूल संगठनात्मक चुनाव में रिटर्निंग ऑफिसर के प्रभारी हैं. उनकी देखरेख में चुनाव संपन्न होगा.
25 जनवरी तक बनाई जाएगी प्रतिनिधियों की सूची
पार्थ चटर्जी नेकहा, “मैं 25 जनवरी तक उन लोगों की सूची बनाउंगा जो हमारे प्रतिनिधि, मतदाता और पर्यवेक्षक होंगे. इस पर चर्चा कर सुनिश्चित किया जाएगा ताकि चयन प्रक्रिया सुचारू रूप से हो सके. चुनाव प्रक्रिया हमारे संविधान के अनुसार होगी. मैं पार्टी स्तर पर नोटिस जारी करूंगा. पहले पार्टी अध्यक्ष का चुनाव होगा, फिर एक कार्य समिति का गठन किया जाएगा.” ध्यान दें कि तृणमूल कांग्रेस का संगठनात्मक चुनाव 2016 में हुआ था. कभी पांच साल में तो कभी हर तीन साल में राज्य की सत्ताधारी पार्टी में ये सांगठनिक चुनाव होते हैं.
पार्टी की अंदरूनी कलह के बीच हो रहा है चुनाव
गौरतलब है कि हाल ही में राज्य की सत्ताधारी पार्टी में अंदरूनी कलह की तस्वीर और भी साफ हो गई है. खासकर सत्ताधारी पार्टी के सांसद और लोकसभा के मुख्य सचेतक कल्याण बंद्योपाध्याय को जिस तरह से पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी पर हमला बोला था. उसके बाद पार्टी में बहस शुरू हो गई है. इसके साथ ही पूर्व मंत्री मदन मित्रा की बातों ने भी टीम को काफी असहज कर दिया है. मदन मित्रा को पार्टी की अनुशासन समिति ने भी चेतावनी दी है, हालांकि पार्टी महासचिव पार्थ चटर्जी ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में यह स्पष्ट कर दिया, तो पार्टी के भीतर कोई विवाद नहीं है. इसके अलावा पार्थ चटर्जी ने गणतंत्र दिवस की परेड में बंगाल की झांकी को शामिल नहीं किये जाने पर मंगलवार को केंद्र सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा, ‘बंगाल की झांकी के बारे में जिस तरह से बातें कही गई हैं वह अपमानजनक है. बंगाल की महिमा धूमिल हुई है. बंगाल को संघर्ष के इतिहास को उजागर करने की कोशिश से दूर रखा जा रहा है
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