विधानसभा में बीजेपी लगातार दो बार ख‍िला चुकी है कमल, उपचुनाव में सपा की हुई थी जीत

ब‍िजनौर (Bijnor) उत्‍तर प्रदेश का एक प्रमुख शहर है. इस शहर की कई खास बात है, लेक‍िन जो सबसे आकर्षक है, वह यह है क‍ि इस जनपद में बहने वाली मालिनी नदी को कालीदास (Kalidas) ने अपने प्रसिद्ध नाटक ‘अभिज्ञान शाकुन्तलम्’ का आधार बनाया था. खैर यह तो प्राचीन समय की बात है. हम 2022 के व‍िधानसभा चुनाव की बात कर रहे हैं तो इस जनपद की नूरपुर विधानसभा सीट (Noorpur Assembly Seat) सीट का जि‍क्र करना जरूरी हो जाता है. इस व‍िधानसभा क्षेत्र का इत‍िहास बेहद ही द‍िलचस्‍प रहा है. मुस्‍लि‍म बहुल इस इलाके में बीजेपी लगातार दो बार कमल ख‍िलाने में कामयाब रही है, लेक‍िन बीजेपी व‍िधायक की मौत के बाद 2018 में हुए उपचुनाव मेंं सपा उम्‍मीदवार साइक‍िल पर सबसे अध‍िक मुहर लगवाने में कामयाब रहे और व‍िजय रहे.

2022 के चुनाव में इस सीट पर 14 फरवरी को मतदान होना है. अभी तक बीजेपी ने ही उम्‍मीदवार की घोषणा की है. बीजेपी ने सीपी स‍िंंह को उम्‍मीदवार बनाया है, जबक‍ि सपा, बसपा और कांग्रेस की तरफ से अभी उम्‍मीदवार घोष‍ित क‍िया जाना है.

2008 के पर‍िसीमन में दोबारा अस्‍ति‍त्‍व में आई थी नूरपूर व‍िधानसभा सीट

ब‍िजनौर ज‍िले का नूरपुर व‍िधानसभा क्षेत्र 2008 के पर‍िसीमन के बाद दोबारा अस्‍त‍ित्‍व में आया. इससे पहले यह व‍िधानसभा सीट 1964 में पहली बार अस्तित्व में आई थी. ज‍िसके बाद इस सीट पर 1967 में पहली बार चुनाव आयोज‍ित क‍िया गया. वहीं 1976 में यह सीट समाप्त कर दी गई. इसके बाद साल 2008 के परिसीमन में नूरपुर विधानसभा सीट दोबारा अस्तित्व में आई. इसके बाद 2012 में इस सीट पर पहला मतदान हुआ है. ज‍िसके बाद अभी तक इस सीट पर केवल 2 चुनाव हुए हैं.

मुस्‍लि‍म बहुल वाली सीट पर बीजेपी कमल ख‍िलाने में रही थी सफल

2008 के पर‍िसीमन के बाद अस्‍ति‍त्‍व में आई नूरपुर व‍िधानसभा में 2012 में पहला चुनाव आयोज‍ित क‍िया गया. नूरपुर विधानसभा सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है. इसके तहत मुस्लिम मतदाता जीत में निर्णायक भूमिका निभाते रहे हैं.  2012 में इस सीट पर हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने लोकेश सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया था,जबकि बहुजन समाज पार्टी से मोहम्मद उस्मान चुनाव मैदान में थे, लेकिन चुनाव में भाजपा के लोकेंद्र सिंह (Lokendra Singh BJP) ने 5,473 वोटों से जीत दर्ज की. वहीं 2017 के चुनाव में भी भाजपा ने लोकेंद्र सिंह को अपना उम्‍मीदवार बनाया. ज‍िन्‍हाेंने सपा के प्रत्याशी नईम उल हसन (SP Mla Naeemul Hasan) को 12,736 वोटों से हराकर जीत दर्ज की. दोनों ही चुनाव में सपा और बसपा ने मुस्लिम प्रत्याशियों को मैदान में उतारा, जिसके चलते मुस्लिम मतों में बंटवारा हुआ, जिसका भाजपा को फायदा मिला.

भाजपा विधायक के निधन से खाली सीट पर उपचुनाव में सपा ने मारी बाजी

भाजपा विधायक लोकेंद्र सिंह की सड़क हादसे में मौत हो जाने के बाद यह सीट खाली हो गई थी, जिस पर साल 2018 में उपचुनाव कराया गया. इस चुनाव में सपा के नईम उल हसन ने बाजी मारी और चुनाव जीतकर विधायक बन गए. उन्होंने भाजपा के अविनाश सिंह को हराया था.

स्‍वास्‍थ सुव‍िधाओं में प‍िछड़ा है, चौहान और सैनी मतदाता भी अहम

नूरपुर विधानसभा सीट की गिनती मुस्लिम बाहुल्य सीटों में होती है. शिक्षा के लिहाज से इस क्षेत्र में स्कूल कॉलेजों की संख्या ज्यादा है. लेकिन स्वास्थ्य के लिहाज से यह क्षेत्र आज भी पिछड़ा हुआ है. वहीं एक आंकड़े के अनुसार इस व‍िधानसभा में कुल मतदाताओं की संख्या तीन लाख से ज्यादा है. वहीं इस सीट पर सबसे ज्यादा मुस्लिम मतदाता हैं. इसके अलावा इस सीट में चौहान, सैनी और दलित मतदाताओं की संख्या भी काफी है.