हाई कोर्ट ने गाजियाबाद के आर्य समाज मंदिर के प्रतिनिधि को किया तलब

ग्वालियर. 18 जनवरी (वेदांत समाचार)।  उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थिति आर्य समाज मंदिर के संचालकों की मुश्किल बढ़ सकती है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने आर्य समाज मंदिर में हुए मतांतरण मामले को स्वत: संज्ञान में लिया है। मंदिर के प्रतिनिधि को नोटिस जारी कर व्यक्तिगत रूप से तलब किया है। याचिका की सुनवाई 7 मार्च को संभावित है। याचिकाकर्ता अपनी याचिका को वापस लेना चाहता था, लेकिन कोर्ट ने याचिका को वापस करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए स्वत: सुनवाई में लिया है।

शिवपुरी जिले के पिछोर निवासी राहुल उर्फ गोलू ने 17 सितंबर 2019 को घर से भागकर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के आर्य समाज मंदिर में विवाह किया था। लड़की के घर से गायब होने पर पिता ने पिछोर थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। दो साल बाद दोनों घर वापस लौटकर आए और अपने विवाह की जानकारी दी। लेकिन थाने में गुमशुदगी दर्ज थी।

दोनों के थाने पहुंचने पर लड़के खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज हो गया और वह जेल चला गया। लड़की ने पिता के साथ जाने से मना कर दिया। शिवपुरी के अपर कलेक्टर ने लड़की को नारी निकेतन भेज दिया। वह नारी निकेतन में रह रही है। राहुल ने जमानत पर रिहा होने के पत्नी को नारी निकेतन से मुक्त कराने के लिए 1 दिसंबर 2021 को हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि दोनों बालिग हैं। दोनों ने गाजियाबाद के आर्य समाज मंदिर में विवाह किया था।

विवाह से पहले लड़की का मतांतरण कराया। मतांतरण का सर्टिफिकेट भी कोर्ट में पेश किया गया। अब लड़की हिंदू हो चुकी है। वर्तमान में उसकी पत्नी नारी निकेतन में रह रही है। उसे नारी निकेतन से मुक्त किया जाए। कोर्ट ने 10 जनवरी को गाजियाबाद के कविनगर स्थित आर्य समाज मंदिर को पार्टी बनाते हुए नोटिस जारी किए थे। मंदिर की ओर से जवाब आना था। मंदिर की ओर से कोई जवाब नहीं आया। मंगलवार को याचिका फिर से सुनवाई में आई। याचिकाकर्ता ने याचिका को वापस करने की मांग की। अतिरिक्त महाधिवक्ता एमपीएस रघुवंशी से कोर्ट ने सवाल किया कि क्या मंदिर धर्म परिवर्तन करा सकता है। अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कहा कि इन्हें अधिकार नहीं है। कोर्ट चाहे तो याचिका को खुद लंबित रख सुनवाई आगे जारी रख सकते हैं। कोर्ट ने इस तर्क को सुनने के बाद याचिको को स्वत: संज्ञान में लेते हुए गाजियाबाद आर्य समाज मंदिर के प्रतिनिधि को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है। उन्हें अपने अधिवक्ता के साथ कोर्ट के समक्ष उपस्थित होना होगा।