राष्‍ट्रीय उद्यान की रानी’ व ’सुपर माम’ के नाम से मशहूर कालरवाली बाघिन की मौत

सिवनी, 16 जनवरी (वेदांत समाचार)। ‘पेंच की रानी’ व ‘सुपर-माम’ के नाम से पेंच राष्ट्रीय उद्यान की मशहूर कालरवाली बाघिन की मौत हो गई। कर्माझिरी कोर एरिया के भूरा दैत्य नाला सिताघाट के पास बाघिन 14 जनवरी को पर्यटकों को नजर आई थी, जो बेहद कमजोर दिख रही थी। इसके बाद से पेंच पार्क के आला अधिकारी व वन्यप्राणी चिकित्सक बाघिन की लगातार निगरानी कर रहे थे। 16 जनवरी रविवार सुबह बाघिन की मौत की खबर आते ही पर्यावरण व बाघ प्रेमियों में मायूसी छा गई।

इंटरनेट मीडिया फेसबुक, व्हाट्सअप, टिवटर, इंस्टाग्राम व अन्य सोशल नेटवर्किंग साइड पर लोगों ने सबसे ज्यादा बाघ शावकों को जन्म देने का रिकार्ड बनाने वाली कालरवाली बाघिन टी-15 की मौत पर गहरा दुख जताया। बाघिन की मौत की पुष्टि करने पेंच राष्ट्रीय उद्यान के फील्ड डायरेक्टर सहित अन्य अधिकारियों से संपर्क करने लगातार प्रयास किया गया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।

पर्यटकों की पहली पसंद:  पेंच राष्ट्रीय उद्यान पहुंचने वाले पर्यटकों में बाघिन खासी मशहूर थी। आसानी से पर्यटकों को बाघिन नजर आती थी, जिससे पर्यटकों को कभी मायूस नहीं होना पड़ता था। नये साल में भी बाघिन ने पर्यटकों को रोमांचित किया था, जिसकी कई तस्वीर सामने आई थी। दिसंबर के अंतिम सप्ताह में फायर लाइन क्षेत्र में करीब दो घंटे तक बाघिन एरिया मार्किं करते पर्यटकों को नजर आई थी। गौरतलब है कि पेंच राष्ट्रीय उद्यान में 9 सितंबर 2005 में पहली बार कालरवाली बाघिन को देखा गया था

, जिसकी उम्र लगभग 17 साल हो चुकी थी।उम्रदराज होने के बाघिन की शारीरिक कमजोरिया नजर आने लगी थी।विशेषज्ञों का मानना है कि, बाघ की औसत उम्र 12 साल के आसपास होती है, ऐसे में कालरवाली बाघिन अपना जीवनकाल पूरा कर चुकी थी। भोपाल वाइल्ड लाइफ के पीआरओ व सीसीएफ रजनीश सिंह ने शनिवार को पेंच टाइगर रिजर्व में बाघिन की मौत होने की पुष्टि की है।

टी 15 कॉलरवाली बाघिन की मृत्यु की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया गया। एनटीसीए के द्वारा निर्धारित एसओपी के अनुसार कार्रवाई की गई। कार्रवाई में क्षेत्र संचालक अशोक मिश्रा, उप संचालक अधर गुप्ता, सहायक वन संरक्षक बीपीपी तिवारी, परिक्षेत्र अधिकारी आशीष खोब्रागड़े, एनटीसीए के प्रतिनिधि विकृांत जठार,

राजेश भेण्डारकर, जिला पंचायत सदस्य रामगोपाल जयसवाल, पार्क प्रबंधन के पंजीकृत गाईड एवं रिसोर्ट प्रतिनिधि उपस्थित रहे। ईको विकास समिति कर्माझिरी की अध्यक्ष शांताबाई सरयाम ने पेंच टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र में रहने वाले समस्त नागरिकों की ओर से श्रद्धांजलि देते हुए विश्व प्रसिद्ध बाघिन कॉलरवाली को मुखाग्नि दी।