बिहार (Bihar) के सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में जहरीली शराब पीने से 9 लोगों की मौत के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है. मामले में जोनल आईजी ने सोहसराय थानाध्यक्ष सुरेश प्रसाद को सस्पेंड कर दिया है. वहीं मामले ने अब राजनीतिक तूल भी पकड़ लिया है सहयोगी औऱ विपक्ष दोनों की सीएम नीतीश कुमार हमलावर हैं. मामले के बाद अब पूर्व सीएम जीतम राम मांझी की हिंदुस्तानी युवा मोर्चा ने बिहार में शराबबंदी कानून खत्म करने की मांग उठाई है.
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने कहा है कि नालंदा में जहरीली शराब कांड से साफ हो गया है कि बिहार में शराबबंदी कानून पूरी तरह फैल हो गया है. इस कानून को अब निरस्त कर दिया जाना चाहिए. मोर्चा के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि जब केंद्र सरकार किसी कानून को वापस ले सकती है तो फिर बिहार के सीएम शराबबंदी कानून को वापस क्यों नहीं ले सकते है.
सहयोगियों ने भी सीएम पर साधा निशाना
दानिश रिजवान ने आगे कहा कि किसी भी कानून को वापस लेना प्रतिष्ठा का सवाल नहीं होना चाहिए. आज बिहार के कभी जिलों में शराबबंदी के कारण जहरीली शराब मिल रही है और गरीबों की मौत हो रही है. ये सरकार के ऊपर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है.
विपक्ष ने उठाई इस्तीफे की मांग
वहीं दूसरी तरफ विपक्षी पार्टी आरजेडी ने भी बिहार में शराबबंदी को फेल कहा है. पार्टी प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि बिहार में जिस तरीके से जहरीली शराब से लगातार मौत हो रही है. उसकी जिम्मेदारी लेते हुए नीतीश कुमार को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए.
शक्ति सिंह यादव ने कहा कि पिछले दिनों बिहार में जहरीली शराब पीने से कई मौतों के बाद भी नीतीश कुमार की आंखे नहीं खुली है. बिहार में शराबबंदी पूरी तरीके से ध्वस्थ हो चुका है. अनुशासन शराब की आपूर्ति कराने में भूमिका निभा रहा है मगर नीतीश कुमार मानने को तैयार नहीं है. नीतीश कुमार को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए.
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