उद्यमी अनिल अग्रवाल के मालिकाना हक वाली वेदांता ग्रुप ने शुक्रवार को कहा है कि वह सऊदी अरब के मिनरल सेक्टर में निवेश के मौकों की तलाश कर रही है। इसके लिए कंपनी सऊदी अरब में तमाम स्टेक होल्डरों के साथ बातचीत की प्रक्रिया में है। गौरतलब है कि सऊदी अरब का मिडिल ईस्ट में मिनरल हब बनने का लक्ष्य है।
कंपनी द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि वेदांता की सऊदी अरब के मिनरल सेक्टर में निवेश की योजना है। कंपनी सऊदी अरब में निवेश के मौकों की तलाश के लिए चर्चा के प्रक्रिया में है। वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने इसी क्रम में बुधवार को रियाद में आयोजित ‘Future Minerals Forum 2022’ में शामिल भी हुए थे। यहां इन्होंने गेस्ट स्पीकर के तौर पर बोलते हुए कहा था कि सउदी अरब में जिंक, गोल्ड और सिल्वर जैसे धातुओं को लेकर व्यापक संभावनाएं है।
कंपनी के आधिकारिक बयान में आगे कहा गया है कि भारत और सऊदी अरब के बीच मिनरल सेक्टर को लेकर व्यापक संभावनाए है। हम मिनरल सेक्टर में निवेश के विकल्प की पहचान की प्रक्रिया में सऊदी अरब में प्रभुत्व मात्रा में तमाम तरह के मिनरल पाए जाते है । माइनिंग और मिनरल साफ सुथरे और टिकाऊ विकास पर आधारित दुनिया के विकास में महत्तवपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इस यात्रा में वेदांत अहम भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है।
गौरतलब है कि दुनिया भर में जिंक की जोरदार मांग के चलते इसकी सप्लाई श़ॉर्टेज को ध्यान में रखते हुए सऊदी अरब तमाम ग्लोबल कंपनियों के साथ करार करके इस मेटल की लीडिंग उत्पादक बनने पर फोकस कर रहा है। वेदांता ग्रुप की कंपनी हिदुस्तान जिंक दुनिया की सबसे बड़ी जिंक उत्पादक है। सऊदी अरब की योजना एनर्जी, रिफाइनिंग, पेट्रोकेमिकल, इंफ्रास्ट्रक्चर, मिनरल और माइनिंग जैसे सेक्टर में 10 अरब डॉलर निवेश करने की है। जिसको देखते हुए भारत और सऊदी अरब के बीच सहयोग की व्यापक संभावनाए है।
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