नई दिल्ली: सरकारी सूत्रों ने बताया कि गणतंत्र दिवस समारोह अब हर साल 24 जनवरी के बजाय 23 जनवरी से शुरू होगा, जिसमें महान स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस की जयंती शामिल होगी।
सूत्रों ने कहा, “यह हमारे इतिहास और संस्कृति के महत्वपूर्ण पहलुओं को मनाने/स्मरण करने पर नरेंद्र मोदी सरकार के फोकस के अनुरूप है।” सरकार ने इससे पहले सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की थी।
अन्य ऐसे दिन, जिनको हर साल मनाया जाएगा, उसमें 14 अगस्त को विभाजन भयावह स्मरण दिवस, 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस (सरदार पटेल की जयंती), 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस (बिरसा मुंडा की जयंती), 26 नवंबर को संविधान दिवस और 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस (गुरु गोबिंद सिंह के चार पुत्रों को श्रद्धांजलि) है।
केंद्र ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़े देश भर में साइटों को बढ़ावा देने की योजना तैयार की है। पिछले साल अक्टूबर में, समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया था कि पर्यटन मंत्रालय आजाद हिंद सरकार के गठन की सालगिरह मनाने के लिए कार्यक्रमों के हिस्से के रूप में क्यूरेटेड टूर की योजना बना रहा है, जोकि 21 अक्टूबर, 1943 को बोस द्वारा घोषित अनंतिम सरकार थी।
एक अधिकारी ने पीटीआई के हवाले से कहा, “ऐसी साइटों की पहचान की गई है और इसमें कई मार्ग शामिल होंगे। हमने क्यूरेटेड यात्रा कार्यक्रम तैयार किए हैं, जो नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़े गंतव्यों को कवर करते हैं। नेताजी से संबंधित साइटों को बढ़ावा देने के लिए टूर ऑपरेटरों को यात्रा कार्यक्रम दिए जाएंगे।”
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