संजीवनी बनीं महतारी, एंबुलेंस में ही गूंजी किलकारी

एंबुलेंस कर्मियों की सूझबूझ ने प्रसूता और बच्चे को बचाया

रायपुर,14 जनवरी (वेदांत समाचार)। प्रसूता महिलाओं के साथ ही नवजात को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास स्वास्थ्य विभाग की ओऱ से किया जा रहा है। संस्थागत प्रसव को सुविधाजनक और सुरक्षित बनाने के हर संभव प्रयत्न के क्रम में महतारी एक्सप्रेस 102 एंबुलेंस सेवा में ना सिर्फ प्रसूता को अस्पताल और अस्पताल से घर की सुविधा दी जा रही है ,बल्कि एंबुलेंस कर्मियों की सूझबूझ और अथक प्रयास से जच्चा और बच्चा को नई जिंदगी भी मिल रही है।

सिम्स  पहुंचने के पहले ही एंबुलेंस में हुआ प्रसव- 10 जनवरी 2022 को महतारी एक्सप्रेस 102 सेवा के कॉल सेंटर से लेबर पेन का केस बिलासपुर जिला अस्पताल के पास आया। उस समय ईएमटी निकिता देवांगन और कैप्टन संदीप पुरी गोस्वामी ड्यूटी पर थे। वह विद्यासार गांव के तखतपुर ब्लॉक से 22 वर्षीय प्रसूता को महतारी एक्सप्रेस में बिठाकर सिम्स मेडिकल कॉलेज के लिए रवाना हुए। प्रसूता का यह दूसरा प्रसव था और उसकी हालत भी गंभीर थी क्योंकि बेबी के गले में नाल मुड़ी हुई थी। रास्ते में लेबर पेन काफी बढ़ने लगा और प्रसूता की हालत भी खराब होने लगी। ऐसे में एंबुलेंस चालक ने वाहन को तेज भी किया ताकि जल्द से जल्द महिला को सिम्स अस्पताल पहुंचाया जा सके। लेकिन प्रसव पीड़ा काफी तीव्र थी इसलिए एंबुलेंस कर्मियों के पास जच्चा और बच्चा को बचाने के लिए एंबुलेंस में ही प्रसव करवाने के सिवाय दूसरा कोई विकल्प नहीं था। अतः सिम्स अस्पताल से कुछ दूरी पर ही एंबुलेंस को रोककर ईएमटी एवं कैप्टन ने अपनी सूझबूझ से सफल प्रसव कराया, जिसमे प्रसूता तुलसी बाई वैष्णव ने बालक को जन्म दिया जिसका वजन 3 किग्रा था। सफल प्रसव के बाद जच्चा- बच्चा दोनों को सिम्स मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया।

एंबुलेंस कर्मियों ने बचाई जच्चा और बच्चा की जान-  सितंबर 2021 को अंबिकापुर जिले के चंदुरा से 102 कॉल सेंटर पर कॉल आया। उस समय ड्यूटी पर ईएमटी ज्ञान प्रकाश  थे। उन्होंने फौरन प्रसव पीड़ित महिला को उप स्वास्थ्य केन्द्र चंदुरा के लिए एंबुलेंस में लेकर रवाना हुई। प्रसूता महिला को रास्ते में ही  अत्यधिक प्रसव पीड़ा होने लगी तो प्रसव एंबुलेंस मे ही करवाना पड़ा। सुरक्षित प्रसव के पश्चात महिला और बच्चे की स्थिति ठीक थी,उन्हें 102 महतारी एंबुलेंस कि सहायता से उप स्वास्थ्य केंद्र चंदुरा में भर्ती कराया गया।

स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति बढ़ा विश्वास- ग्राम चंदुरा की 22 वर्षीय सलवंती एवं विद्यासागर गांव की तुलसी ने बताया “सरकारी सेवाओं विशेषकर एंबुलेंस सेवा पर उन्हें पहले विश्वास नहीं होता था। लेकिन प्रसव पीड़ा के दौरान एंबुलेंस कर्मियों की सूझबूझ और अथक प्रयास से हमें जीवन दान मिला है। ईश्वर का धन्यवाद करते हैं कि मैं और मेरा बच्चा दोनों ही सुरक्षित हैं।“

2013 में महतारी एक्सप्रेस सेवा की शुरुआत – शिबू कुमार जनसंपर्क अधिकारी, महतारी एक्सप्रेस 102 ने बताया” 23 अगस्त 2013 से गर्भवती महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए 102 महतारी एक्सप्रेस सेवा शुरू हुई। वर्तमान में प्रदेश के 28 जिलों में 324 एंबुलेंस के माध्यम से सेवाएं दी जा रही हैं। एंबुलेंस कर्मी ना सिर्फ गर्भवती महिलाओं या प्रसूताओं की देखरेख करते हुए उन्हें घर से अस्पताल या अस्पताल से घर पहुंचाते हैं। बल्कि कई बार विषम परिस्थितियों में एंबुलेंस में ही प्रसव करवाकर जच्चा और बच्चे की जान बचानी पड़ती है। महतारी एक्सप्रेस सेवा की शुरुआत से दिसंबर 2021 तक 15.03 लाख गर्भवती महिलाओं को घर से अस्पताल, 18.52 लाख को अस्पताल से घर पहुंचाया गया है। वहीं 5.02 लाख एक वर्ष तक के शिशुओं को स्वास्थ्य सहायता उपलब्ध कराई और गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व सामान्य जांच के लिए 10.53 लाख को घर से अस्पताल एवं अस्पताल से घर पहुंचाया है।“