अब बेकाबू होने लगा कोरोना संक्रमण, ऑनलाइन होंगी परीक्षाएं, स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही बर्दाश्त नहीं : मुख्यमंत्री

भोपाल 14 जनवरी (वेदांत समाचार)। मध्य प्रदेश में लगातार बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच राज्य सरकार ने पहली से 12 वीं तक की कक्षाओं को 31 जनवरी तक बंद करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह निर्देश आपदा प्रबंधन की बैठक में दिए। मुख्यमंत्री चौहान ने 20 जनवरी से होने वाली प्री-बोर्ड की परीक्षाओं को भी अब आनलाइन लेने के निर्देश दिए हैं। चौहान ने कहा, प्रदेश में आर्थिक गतिविधि बंद नहीं होंगी, लेकिन राजनीतिक रैली और सामाजिक कार्यक्रमों की भी अब अनुमति नहीं होगी। स्टेडियम पचास प्रतिशत खिलाड़ियों की मौजूदगी के साथ खुलेंगे। दर्शकों के प्रवेश पर रोक रहेगी।


बैठक में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया कि तीसरी लहर में कोरोना संक्रमण के प्रकरण बढ़ने की दर दूसरी लहर की तुलना में तीन गुना अधिक है। दुनिया में एक दिन में 34 लाख केस आ रहे हैं। देश में गुरुवार को दो लाख 64 हजार प्रकरण और मध्य प्रदेश में आज चार हजार 755 केस है। साप्ताहिक औसत दर में छह गुना की वृद्धि हुई है। सक्रिय मामले 21 हजार 394 हो गए हैं। जांच अब 80 हजार प्रतिदिन तक हो रही है।


कुछ जिलों में संक्रमण की दर दस प्रतिशत से ज्यादा है। 96.07 संक्रमित घर पर रहकर उपचार ले रहे हैं। 3.3 प्रतिशत मरीज को ही अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ रही है। हालांकि, केंद्र सरकार ने कहा है कि इस स्थिति में कभी भी परिवर्तन हो सकता है। 236 लोग आइसीयू में हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सक्रिय प्रकरणों की संख्या भी बढ़ेगी। सचेत और सावधान रहना चाहिए। निश्चिंतता का भाव न रहे। होम आइसोलेशन में रह रहे संक्रमितों की निगरानी की व्यवस्था अच्छी होनी चाहिए।


इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि 101 मरीज अस्पताल में हैं। भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने बताया कि जिले में तीन हजार 852 मरीज होम आइसोलेशन में हैं। कमांड सेंटर से प्रतिदिन उनसे बात हो रही है। मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को निर्देश दिए कि जो व्यक्ति गलत पता या मोबाइल नंबर लिखा रहे हैं, उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज करें क्योंकि ये संक्रमण फैलाने वाले बनेंगे। मुख्यमंत्री ने ग्वालियर, जबलपुर, सागर और उज्जैन के कलेक्टरों से भी होम आइसोलेशन संबंधी व्यवस्था के बारे में जानकारी ली।
इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने सीएम के सामने रखा सुझाव कि हमने सख्ती बढ़ाई तो संक्रमण की दर कम हो सकती है। अगर सख्ती नही बढ़ाई तो रोज के आंकड़े 10 हजार के पास आएंगे।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में टीकाकरण की स्थिति की जानकारी ली। सीएम ने कहा कि वैक्सीनेशन के कार्य में लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। घर-घर दस्तक दें, टीकाकरण का कार्य पूर्ण हो। वैक्सीन ही कोविड से सुरक्षा का मजबूत कवच है।
बैठक में मुख्यमंत्री ने इंदौर में निजी तौर पर अधिक टेस्ट की जानकारी मिलने पर निर्देश देते हुए कहा कि यदि प्रायवेट रूप से टेस्ट हों तो उन्हें भी रिकॉर्ड में लिया जाए।


सीएम ने कहा कि टीकाकरण के लिए शत-प्रतिशत लोगों को कवर करें। कार्य के लिए बाहर जाने वाले लोगों की संख्या की पुष्टि करें। माइग्रेटेड लोगों की सूची बनाएं। टीकाकरण सबसे बड़ी सुरक्षा है। इसकी ग्राम स्तर तक समीक्षा हो। सभी जन प्रतिनिधि इस अभियान से जुडें। सभी के प्रयत्नों और सामूहिक सहयोग से अच्छे परिणाम मिलेंगे।
मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारियों ने बताया कि जिस तरह से कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं, उसे देखते हुए कुछ प्रतिबंध और बढ़ाए जा सकते हैं। सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ को एकत्र होने से रोकने के लिए सख्ती बढ़ाई जा सकती है।

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