शिवांग के जिंदा होने की बची मात्र एक उम्मीद:DNA रिपोर्ट बताएगी नर कंकाल किसका; 6 दिसंबर को लापता हुआ था इंजीनियर

चंद्रखुरी से लापता इंजीनियर किसान शिवांग चंद्राकर के जीवित होने की अब मात्र 10 प्रतिशत ही उम्मीद बची है। अब तक की जांच में जितने भी साक्ष्य मिले हैं, वह सभी उसकी हत्या की ओर इशारा कर रहे हैं। अब मात्र एक चीज इस सच्चाई से पर्दा उठा सकती है और वह है डीएनए रिपोर्ट। यदि चंद्रखुरी भाठा में मिले नर कंकाल से शिवांग का डीएनए मैच नहीं किया तभी उसके जीवित होने की उम्मीद बढ़ेगी।

दुर्ग पुलिस की अलग-अलग टीमों ने अब तक जो जांच इस मामले में की है, उससे 90 प्रतिशत यह साफ हो गया है कि शिवांग की हत्या की गई है और भाठा में मिला नर कंकाल उसी का है। पुलिस की जांच में यह सामने आया है कि इंजीनियर शिवांग चंद्राकर अपने कपड़े, घड़ी और अन्य सामान अधिकतर ऑनलाइन शॉपिंग करता था। लापता होने से तीन सप्ताह पहले भी उसने एक शर्ट ऑनलाइन मंगवाया था। जिस शर्ट को शिवांग ने मंगवाया था उसी से मिलता जुलता कपड़ा नर कंकाल के पास भी मिला है।

दूसरे और सबसे अहम साक्ष्य की बात करें वह है शिवांग की घड़ी। शिवांग के पास घर में चार घड़ियां थीं। उन चार घड़ियों में से एक घड़ी वह घटना वाले दिन पहन कर गया था। पुलगांव पुलिस को चंद्रखुरी भाठा के खार से नर कंकाल, घड़ी, शर्ट और चप्पल मिला है। इसमें घड़ी की पहचान शिवांग के भाई ने खुद की है। पुलिस का कहना है कि इतने सबूतों से 90 प्रतिशत यह कनफ़र्म हो जाता है कि इंजीनियर किसान की हत्या हो चुकी है। डीएनए रिपोर्ट आने के बाद इस सच्चाई से पर्दा उठा जाएगा।

यह है पूरा मामला

6 दिसंबर 2021 को शिवांग चंद्राकर पिता राजेंद्र चंद्राकर अपने चंद्रखुरी फार्म हाउस से लापता हो गया था। शाम करीब 7 बजे उसने अपने परिजनों को बताया कि वह घऱ के लिए निकल रहा है। इसके बाद से उसका मोबाइल बंद आ रहा है। उसकी बाइक पास के खार में पड़ी मिली। इसके बाद परिजनों ने शिवांग की गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बीएन मीणा ने शिवांग का पता बताने पर 50 हजार के ईनाम की घोषणा भी घोषणा की थी। वहीं परिजनों ने सूचना देने वाले को 2 लाख रुपए इनाम की घोषणा की है। इसके बाद 6 जनवरी को एक नर कंकाल चंद्रखुरी के खार में पाया गया, जिसने इस केस की दिशा को पूरी तरह से बदल दिया है।