उत्तर प्रदेश में पीएम मोदी को काला झंडा दिखाकर सुर्खियों में छाने वाली कांग्रेस की नेता रीता यादव को पुलिस ने खुद पर हमला करवाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने रीता को जेल भेज दिया है. रीता यादव पर हुई फायरिंग मामले में जब पुलिस ने तफ्तीफ की तो पुलिस को पता चला कि खुद रीता ने अपने ऊपर फायरिंग करवाई है. बुधवार को पुलिस ने बताया कि रीता यादव ने विधानसभा का टिकट पाने के लिए खुद पर गोली चलवाई थी.
जिस के बाद पुलिस ने रीता यादव सहित तीन आरोपियों को जेल भेज दिया है. रीता के साथ उनका ड्राइवर मुस्तकीम और धर्मेंद यादव को भी पुलिस ने इस साजिश में शामिल होने के आधार पर जेल भेज दिया है. पुलिस ने बताया कि 3 जनवरी की शाम को लंभुआ कस्बे के लखनऊ-वाराणसी बाईपास ओवर ब्रिज पर अज्ञात बाइक सवार द्वारा सुलतानपुर के सुनावा लालू का पुरवा की रहने वाली रीता यादव को गोली मार दी गई थी.
पैर में लगी थी रीता को गोली
हाल ही में सपा से कांग्रेस में आईं रीता यादव को इस हमले में बाएं पैर में गोली लगी थी. जिसमें पुलिस ने आईपीसी की धारा 307 के तहत मामला दर्ज किया था. पुलिस ने प्राथमिक जांच और स्थानीय लोगों से पूछताछ के आधार पर मामले के तथ्यों को उजागर करते हुए रीता यादव सहित तीन को गिरफ्तार कर लिया. साथ ही धर्मेंद्र यादव के कब्जे से घटना मे प्रयुक्त एक अवैध तमंचा और कारतूस भी बरामद किए गए हैं.
कांग्रेस पार्टी से टिकट पाने के लिए दिया घटना को अंजाम
पुलिस को पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि रीता यादव ने अपने जानने वाले पूर्व ग्राम प्रधान माधव यादव के साथ सुनियोजित तरीके से आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी से टिकट पाने के लिए इस वारदात को अंजाम दिया था. बता दें कि पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के लोकार्पण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी को रीता यादव ने काला झंडा दिखाने का प्रयास किया था. उस समय वह समाजवादी पार्टी की नेता थीं. इसके बाद उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ले ली थी.
वहीं कांग्रेस पार्टी ने रीता यादव को गोली लगने के बाद इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया था.अस्पताल में पड़ीं रीता यादव की तस्वीर साझा करते हुए पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर घटना की आलोचना की गई थी. और प्रदेश में गुंडाराज बताया गया था.
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