वैक्सीन की ‘बूस्टर डोज’ लगनी हुई शुरू, वैक्सीन लगवाने से पहले इन बातों का रखे ध्यान

देश में बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच सोमवार से गंभीर बिमारियों से पीड़ित बुजुर्गो को बूस्टर डोज लगाए जा रहे है साथ ही स्वास्थ्य कर्मी और फ्रंट लाइन वर्कर्स को भीं बूस्टर डोज लगाई जा रही है। बता दे कि पहले ही दिन करीब 10 लाख लोगों को बूस्टर डोज दिया गया। इस अभियान में लगभग 5.75 करोड़ लोगों को प्रिकॉशन डोज (बूस्टर) दिया जाएगा।

लेकिन इन सब के बीच हम आपको बताएँगे क्या बूस्टर डोज लगाना सही है , डोज लगाने के बाद क्या करे क्या न करें –

क्या सब ले सकते है वैक्सीन की तीसरी खुराक

बूस्टर डोज सिर्फ उन बुजुर्गों को दी जाएगी जो, हार्ट डिसीज, डायबिटीज, किडनी या किसी अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित हों। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि, ऐसे बुजुर्ग अपने डॉक्टर की सलाह के बाद ही बूस्टर डोज लें।

बूस्टर डोज और वैक्सीन के बीच कितने दिन का गैप होना चाहिए?

कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज और बूस्टर खुराक के बीच 9 महीने का गैप होना चाहिए। यानी अगर आपने 9 महीने पहले दूसरी खुराक ली हैं तो आप बूस्टर डोज लगवा सकते हैं

किन्हे लगेगा बूस्टर डोज

जिन बुजुर्गों को बूस्टर डोज लगना हैं, उनके पास स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से एक मैसेज भेजा जा रहा है। ये मैसेज उन लोगों को दिया जा रहा हैं, जिन्होंने 9 महीने पहले वैक्सीन की दूसरी डोज ले रखी है।

क्या डॉक्टर का सर्टिफिकेट दिखाना जरूरी है?

प्रिकॉशन डोज (बूस्टर डोज) लेने वाले बुजुर्गों को अपने डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है, लेकिन डॉक्टर के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं पड़ेगी। यानी 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग डॉक्टर के सर्टिफिकेट के बगैर भी बूस्टर डोज ले सकते हैं।

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