पंजाब विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की तैयारियां जारी हैं. कांग्रेस ने पार्टी संगठन की एकता को बनाए रखने के उद्देश्य से पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को मंगलवार को नई जिम्मेदारियां दी हैं. जिसके तहत वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रताप सिंंह बाजवा को चुनाव के लिए कांग्रेस का मेनिफेस्टो बनाने की जिम्मेदारी दी गई है. तो वहीं सुनील जाखड़ को प्रचार की कमान सौंपी गई है. इस संबंध में कांग्रेस ने मंगलवार को आधिकारिक घोषणा कर दी है.
दोनों समितियों में 56 पदाधिकारियों को शामिल किया
पंंजाब विधानसभा चुनाव से पहले मंगलवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने पंजाब कांग्रेस की दो समितियों का ऐलान किया है. जिसमें 56 पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं का शामिल किया गया है. अखिल भारतीय कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगाेपाल की तरफ से जारी की गई इस सूची में प्रताप सिंंह बाजवा को मेनिफेस्टो कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है. वहीं डॉ अमर सिंंह को संयोजक और मनप्रीत सिंंह बादल को सहसंयोजक बनाया गया है. जबकि कमेटी में 17 सदस्य घोषित किए गए हैं. तो वहीं मेनिफिस्टो कमेटी में 5 आमंत्रित सदस्य भी हैं. जिसमें पंजाब कांग्रेस के प्रधान, कार्यकारी अध्यक्ष को जगह दी गई है.
वहीं चुनाव प्रचार कमेटी की कमान पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ को सौंपी गई है. वहीं प्रचार कमेटी में रणवीर सिंंह बिट्टू को संयोजक और अमरप्रीत सिंंह लाली को सहसंयोजक बनाया गया है. वहीं अन्य 22 को सदस्य बनाया गया है. मेनिफिस्टो कमेटी में भी 5 आमंत्रित सदस्य हैं. जिसमें पंजाब कांग्रेस के प्रधान, कार्यकारी अध्यक्ष को जगह दी गई है.
14 फरवरी को मतदान
पंजाब में विधानसभा की 117 सीटें हैं. जिसके लिए चुनाव आयोग ने इस बार एक चरण में ही मतदान आयोजित करने की योजना बनाई है. जिसके तहत सभी सीटों पर 14 फरवरी को वोट डाले जाएंगे. वहीं वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी.
कांग्रेस सिद्धू, जाखड़ और चन्नी के चेहरे के साथ है चुनावी मैदान में
पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने सीएम का चेहरा नहीं घोषित करने का फैसला किया है और संयुक्त लीडरशिप की अगुवाई में चुनाव लड़ने जा रही है. जिसके तहत कांग्रेस पंजाब प्रधान नवजोत सिद्धू, मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी और पूर्व पंजाब कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ को चुनाव में अपना चेहरा बना रही है. यह फैसला कांग्रेस हाईकमान की बैठक में लिया गया है. असल में कांगेस के इस फैसले के पीछे वोट बैंक का गणित है. चन्नी के चेहरे से जहां कांग्रेस पंजाब के करीब 32 फीसदी दलित वोटरों को साधना चाह रही है. तो वहीं सिद्धू के सहारे कांग्रेस की योजना 19 फीसदी जट्टसिख समुदाय के वोटों को अपने पाले में लाने की है. वहीं 38 फीसदी से ज्यादा हिंदू वोटों में कांग्रेस जाखड़ के सहारे सेंध लगाने की योजना बना रही है.
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