मुजफ्फरपुर कोर्ट में CM नीतीश कुमार के खिलाफ शिकायत, राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव, तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त मिहिर कुमार सिंह, DM प्रणव कुमार, CS डॉ. विनय कुमार के खिलाफ शिकायत दायर किया गया है. शिकायत में मुजफ्फपुरआई हॉस्पीटल मामले में सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया गया है

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar Chief Minister Nitish Kumar) के खिलाफ सोमवार को मुजफ्फरपुर कोर्ट में शिकायत दायर किया गया है. परिवाद में सीएम के साथ बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव, तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त मिहिर कुमार सिंह, DM प्रणव कुमार, CS डॉ. विनय कुमार शर्मा समेत हॉस्पिटल के डॉक्टर और प्रबंधन का नाम शामिल है. कोर्ट ने परिवाद पर सुनवाई की तारीख 18 जनवरी मुकर्रर की है. यह शिकायत आचार्य चंद्र किशोर पाराशर ने दायर कराया है. उन्होंने बिहार के मुजफ्फरपुर में 22 नवंबर को हुए मोतियाबिंग ऑपरेशन के बाद 40 से ज्यादा लोगों के आंखों की रौशन और आंख खराब होने के मामले को लेकर यह शिकायत दायर किया है.

इस शिकायत में राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया गया है. इसमें आरोप लगाया गया है कि सरकार ने पीड़ितों को मुआवजे का आश्वासन तो दिया लेकिन अबतक किसी को मुआवजा नहीं दिया गया है. जिसके बाद पीड़ित परिवारों को धरना प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हैं

मुजफ्फरपुर आई हॉस्पीटल में 65 लोगों का ऑपरेशन

बता दें कि बिहार के मुजफ्परपुर में 22 नबंबर को यहां मुजफ्फरपुर आई हॉस्पीटल में 65 लोगों का ऑपरेशन किया गया था. ऑपरेशन सभी प्रोटोकॉल को ताक पर रखकर किया गया. ऑपरेशन में सामान्य साफ सफाई का भी ख्याल नहीं रखा गया जिसके बाद यहां 20 से ज्यादा लोगों की ऑपरेशन के बाद आखों की रौशन गायब हो गई तो 15 लोगों का अपनी एक आंख गंवानी पड़ी थी.

विपक्ष ने अखफोड़वा कांड नाम दिया

तब विपक्ष ने इसे अखफोड़वा कांड नाम दिया था. मामले में जिला प्रशासन ने एक टीम गठित की जिसकी रिपोर्ट में इस बड़े कांड के लिए अस्पताल को नहीं बल्कि इन्फैक्शन और बैक्टीरिया को जिम्मेदार ठहराया गया है. बताया गया था. इसके बाद मामले में अभी तक अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

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