नाराजगी : 36 दिनों में पुलिस परिवारों का दूसरा उग्र आंदोलन

रायपुर 11 जनवरी (वेदांत समाचार)। संयुक्त पुलिस परिवार के पहले महासम्मेलन को होने से रोकने के लिए पुलिस ने एक बार फिर अपने ही परिवार की महिलाओं पर जोर आजमाइश की. रावणभाठा में आयोजित महासम्मेलन में शामिल होने जा रही महिलाओं ने रिंग रोड नंबर 1 में ही उग्र प्रदर्शन किया. रास्ते में रोके जाने पर प्रदर्शनकारियों ने चक्का जाम कर दिया. कुछ घंटे तक पुलिस और प्रदर्शनकारियों की झूमा झटकी हुई.बच्चोंकोलेकर महिलाएं गिरती रहीं. उन्हें पुलिस उठाती हुई वैन में बैठाती रही. बड़ी संख्या में पुलिस परिवार के लोगों को वैन में बैठाकर आमानाकाथानेले आई. इसे ही अस्थाई जेल बना दिया गया था. 36 महीने में पुलिस परिवारों का यह दूसरा उग्र प्रदर्शन था. 6 दिसंबर को भी इसी तरह का प्रदर्शन किया था.

वादा खिलाफी करने के बाद भी सरकार सुनने को तैयार नहीं

प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि 2018 के पुलिस परिवार आंदोलन के समय वर्तमान में सरकार में बैठे लोगों ने पुलिस परिवार की बातों को न सुनने का आरोप पुरानी सरकार पर लगाया था. अब जब वे ही सरकार चला रहे हैं, तो ये भी सुनने को तैयार नहीं. कर्मचारियों की सुनवाई नहीं हो रही है. पुलिस परिवार की बहुत सी मांगे हैं. तृतीय श्रेणी कर्मचारियों जिला बल, सशस्त्र बल, ट्रेड आरक्षकों, सहायक आरक्षकों, गोपनीय सैनिकों, नगर सैनिकों, जेल प्रहरियों का वेतन 2800 ग्रेड पे मिलने की मांग के अलावा संविलियन, समान काम समान वेतन मांग रहे हैं. इस एक महीने में सरकार ने सिर्फ 3 हजार सहायक आरक्षकों को आरक्षक बनाया है.

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