राजनांदगांव 10 जनवरी (वेदांत समाचार)। धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र कोरोचा से बुकमरका…। 10 किमी तक घनघोर जंगल में स्थित इस सड़क में किसी समय में सिर्फ पगडंडियां थीं। उबड़-खाबड़ रास्ते के बीच पत्थरों के बीच से होकर गुजरना पड़ता था। चारपहिया तो ले देकर यहां पहुंची थी लेकिन बारिश के दौरान यहां का रास्ता पूरी तरह से बंद हो जाता था। इस मार्ग के निर्माण के दौरान तगड़ी सुरक्षा दी गई। आधा दर्जन नक्सल मुठभेड़ भी हुए।
परदोनी के जंगल में मई 2020 में मुठभेड़ में एक एसआई शहीद हुए। उसी मुठभेड़ में चार नक्सली भी मारे गए थे। अब प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के प्रयास से यहां की पगडंडियां पक्की सड़क में तब्दील हो रही है। मार्च तक इस सड़क का निर्माण कार्य पूरा होने का दावा प्रशासन ने किया है। इसके निर्माण में कुल 5 करोड़ 83 लाख रुपए खर्च होंगे।
इस सड़क के निर्माण होने के बाद कोरोचा से पुगदा, गट्टेगहन, संबलपुर और बुकमरका सीधे जुड़ जाएंगे। इसके अलावा आसपास के सुड़ियाल, ढब्बा, परदोनी के ग्रामीणों को भी इस मार्ग से जुड़ने का फायदा मिल सकेगा। इस तरह करीब एक हजार की आबादी इस निर्माण से लाभान्वित होगी। यह क्षेत्र वर्तमान राजनांदगांव जिले से 120 किमी की दूरी पर स्थित है। पहाड़ और नदी-नाले होने की वजह से ग्रामीणों को ब्लॉक मुख्यालय तक पहुंचने में भी बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था।
21 पुल-पुलिया का निर्माण किया जाएगा
पीएमजीएसवाय क्रमांक-2 के ईई प्रेमप्रकाश खरे ने बताया कि यहां कुल 21 पुल-पुलियों का निर्माण किया जाना है। इसमें से जीएसबी और डब्लूबीएम प्रगतिरत है। वहीं 10 नग पुलिया का निर्माण पूरा भी हो चुका है। मानपुर ब्लॉक का यह क्षेत्र पूरी तरह से नक्सल प्रभावित और पहुंच विहीन था, जो अब बदलाव की दिशा में है। नया जिला बनने से बाद यहां के ग्रामीणों को जिला मुख्यालय आने में काफी आसानी होगी।
मानपुर ब्लॉक के बुकमरका गांव तक पहाड़ी और पत्थर की पगडंडियों से ही पहुंचा जा सकता था। आसानी से ग्रामीणों का आवागमन यहां जल्द शुरू हो जाएगा। यह जिलेवासियों और वनांचल के ग्रामीणों के लिए एक बड़ी राहत वाली बात होगी।
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