पिछले कुछ दिनों से दुनिया के अन्य देशों की तरह भारत में भी कोरोना और उसके नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के मामलों में जमकर बढ़ोतरी देखने को मिली है. इसको देखते हुए सरकार ने टीकाकरण की स्पीड बढ़ा दी है. देश भर में अब तक 150 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है. वहीं, 15 से 18 साल के बच्चों की बात करें तो इस एज ग्रुप के 2 करोड़ से ज्यादा बच्चों को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है. सरकार अब कल यानी 10 जनवरी से कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज लगाने की शुरुआत कर रही है. इसको लेकर सरकार की तैयारियां पूरी हैं.
इसमें अभी केवल फ्रंटलाइन वर्कर्स और हेल्थकेयर वर्कर्स को ही प्रीकॉशन डोज लगाई जाएगी. इनके अलावा 60 साल से ऊपर के ऐसे बुजुर्ग जो किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, उन्हें भी तीसरी डोज दी जाएगी. जिन्होंने पहले वैक्सीन की दोनों डोज लगवाई हैं, वे सीधे अप्वाइंटमेंट ले सकते हैं या फिर वैक्सीनेशन सेंटर पर जाकर यह डोज ले सकते हैं. सरकारी दिशानिर्देशों के मुताबिक, बूस्टर डोज उन्हें दी जाएगी जिन्हें वैक्सीन की दूसरी डोज लगे 9 महीने बीत गए हैं. मतलब यह है कि अगर आपने पिछले साल जनवरी से मार्च के बीच दूसरी डोज लगवाई होगी तो आप तीसरी डोज के पात्र होंगे.
कैसे पता चलेगा कि मैं तीसरी डोज के लिए योग्य हैं या नहीं
यदि आप तीसरी डोज के दायरे में आते हैं तो आपको सरकार की ओर से एक मैसेज भेजा जाएगा. तीसरी डोज का यह मैसेज कोविन प्लेटफॉर्म की ओर से भेजा जाएगा. बूस्टर डोज में वही वैक्सीन दी जाएगी, जिसकी पहली दो डोज इस पात्र को लगी होगी. अगर पात्र ने पहली दो डोज कोवैक्सीन की ली होंगी तो तीसरी डोज भी कोवैक्सीन की ही लगेगी. इसी तरह अगर पहली दो डोज कोविशील्ड की लगवाई होगी तो तीसरी डोज भी कोविशील्ड की ही लगेगी.
वैज्ञानिकों ने बताया, क्यों जरूरी है बूस्टर डोज
बूस्टर डोज के लिए अब फिर से रजिस्ट्रेशन करने की जरूरत नहीं होगी. क्योंकि कोविन पर आपका अकाउंट बन चुका है. अब बस मैसेज आने के बाद आप कोविन के जरिए बूस्टर डोज के लिए स्लॉट बुक कर सकते हैं. बता दें कि बूस्टर डोज लगाने का फैसला लिया गया है, क्योंकि वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना के खिलाफ वैक्सीन से बनी इम्युनिटी कुछ महीनों बाद कम होने लगती है. ऐसे में वैक्सीन की बूस्टर डोज जरूरी है.
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