दिल्ली पुलिस ने रविवार को मध्य प्रदेश के इंदौर से ‘सुल्ली डील्स’ एप बनाने वाले मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया है. इस शख्स का नाम ओंकारेश्वर ठाकुर है और ये इस एप के जरिए ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर मुस्लिम महिलाओं की बोली लगवा रहा था. पुलिस की छानबीन में सामने आया है कि सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों को बिना उनकी मंजूरी के इस मोबाइल ऐप्लीकेशन (ऐप) पर ‘नीलामी’ के लिए डाला गया था. हालांकि ओंकारेश्वर के पिता अखिलेश ठाकुर ने अपने बेटे को निर्दोष बताया है.
ओंकारेश्वर के पिता अखिलेश ठाकुर का बेटे की गिरफ्तारी के बाद कहा- मेरा बेटा आईटी एक्सपर्ट है. कुछ लोगों की मुखबिरी के आधार पर मेरे बेटे की गिरफ्तारी की गई है. ओंकारेश्वर ने BCA किया है. दो लोग सिविल ड्रेस में आए थे और ओंकारेश्वर उसके मोबाइल, लैपटॉप को अपने साथ ले गए. गिरफ्तारी के समय मैं घर पर मौजूद नहीं था, वह किसी भी गैरकानूनी गतिविधि में शामिल नहीं है, उसे फंसाया जा रहा है. उधर दिल्ली पुलिस के मुताबिक बुल्ली बाई केस में गिरफ्तार हुए लोगों ने ओंकारेश्वर की जानकारी दी है.
एमपी पुलिस का आरोप
उधर इंदौर पुलिस ने रविवार को कहा कि दिल्ली पुलिस ने कथित रूप से ‘सुल्ली डील्स’ ऐप बनाने वाले 26 वर्षीय व्यक्ति की गिरफ्तारी की कोई जानकारी उसके साथ साझा नहीं है. इससे पहले, दिल्ली पुलिस अधिकारियों ने रविवार को बताया कि पुलिस ने मध्य प्रदेश के इंदौर से कथित तौर पर ‘सुल्ली डील्स’ ऐप बनाने वाले को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि यह ‘सुल्ली डील्स’ ऐप मामले में पहली गिरफ्तारी है. सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों को बिना उनकी मंजूरी के इस मोबाइल ऐप्लीकेशन (ऐप) पर ‘नीलामी’ के लिए डाला गया था. उन्होंने बताया कि आरोपी ओंकारेश्वर ठाकुर (26) ने इंदौर स्थित आईपीएस अकादमी से बीसीए किया है और वह न्यूयॉर्क सिटी टाउनशिप का निवासी है.
आरोपी ने कबूला जुर्म
इस बीच, इंदौर के पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्रा ने बताया, ”सुल्ली डील्स मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा इंदौर से ओंकारेश्वर ठाकुर नामक व्यक्ति की गिरफ्तारी के बारे में हमें मीडिया से ही पता चला है. इस बारे में दिल्ली पुलिस ने अब तक हमसे कोई आधिकारिक सूचना साझा नहीं की है.” उन्होंने कहा कि ‘सुल्ली डील्स’ मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा आधिकारिक सूचना साझा किए जाने के बाद इंदौर पुलिस अपने स्तर पर भी इस प्रकरण की पड़ताल पर विचार करेगी.
इससे पहले, दिल्ली के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि शुरुआती पूछताछ में आरोपी ने कुबूल किया है कि वह ट्विटर पर उस समूह का सदस्य है जिसमें मुस्लिम महिलाओं को बदनाम करने और ट्रोल के लिए विचारों को साझा किया जाता है. अधिकारी ने बताया, ”उसने गिटहब पर कोड विकसित किया. गिटहब तक समूह के सभी सदस्यों की पहुंच थी. मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों को समूह के सदस्यों ने अपलोड किया था.”
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