भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए हाईकोर्ट ने जहां स्वत: संज्ञान लेते हुए सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है, तो दूसरी तरफ सरकार ने प्रदेश में ESMA (इसेंशियल सर्विसेस मेंटेनेंस एक्ट) लागू कर दिया है। राजधानी भोपाल से लेकर इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर सहित तमाम बड़े शहरों की स्थिति दिनोंदिन बिगड़ती जा रही है।
देश के ज्यादातर राज्यों में कोरोना का पुराना वैरिएंट कोहराम मचा रहा है। नए वैरिएंट ‘ओमिक्रान’ ने धमक जरुर दिखाई थी, लेकिन उसने वैसी रफ्तार अभी तक नहीं पकड़ी है, जिसकी आशंका जताई जा रही थी। इसके विपरीत कोरोना के डेल्टा वैरिएंट ने देश में एक बार फिर कहर ढ़हाना जरुर शुरु कर दिया है। जिसे देखते हुए देश के साथ ही राज्य की सरकारों के माथे पर भी बल पड़ने लगा है।
मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने भविष्य की दिक्कतों को भांपते हुए और कोरोना के बढ़ते संक्रमण जाल पर शिकंजा कसने के लिए प्रदेश में ESMA (इसेंशियल सर्विसेस मेंटेनेंस एक्ट) लागू कर दिया है। इसका गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। इसके तहत डॉक्टर, नर्स समेत स्वास्थ्य से जुड़े कर्मी काम करने से इनकार नहीं कर सकते हैं। हालांकि इसके पहले भी नर्सिंग स्टाफ ने अपनी जान की परवाह किए बगैर पूरी शिद्दत से अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है, जिसकी वजह से हजारों जानें बच पाईं हैं।
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