देश में कोरोना की रफ्तार को देखकर न्यायपालिका का गुस्सा फूट पड़ा है। तीसरी लहर के निपटान की तैयारियों को लेकर अब सरकारें कटघरे में आ गईं हैं। ताजा मामला मध्यप्रदेश से सामने आया है, जहां राजधानी भोपाल में एक साथ 28 बच्चे कोरोना की गिरफ्त में आ गए हैं, जिसके चलते हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सरकार से निपटान की तैयारियों को लेकर सख्त लहजे में सवाल पूछ लिया है। तो वहीं चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और पीके कौरव की डबल बेंच ने राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
मध्यप्रदेश में बीते 24 घंटे में 1577 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 5044 पहुंच गई है। इंदौर और भोपाल की स्थिति विस्फोटक है। इंदौर में 618 और भोपाल में कोरोना के 347 नए मरीज मिले हैं। राजधानी में मिले संक्रमितों में 28 बच्चे, GMC और स्वास्थ्य विभाग के चार-चार डॉक्टर शामिल हैं। दो IAS भी पॉजिटिव आए हैं। दुबई से लौटी 28 साल की महिला संक्रमित मिली है। वह 3 जनवरी को भारत आई। अब तक विदेश से लौटे 22 लोग संक्रमित मिल चुके हैं।
आर्थिक राजधानी का भी बुरा हाल
इंदौर में कोरोना की तीसरी लहर भयावह स्थिति में पहुंच गई है। 15 दिन में संक्रमण 20 गुना फैल गया है। 8 दिन में ही 2360 नए मरीज मिल चुके हैं। एक्सपर्ट को आशंका है कि इंदौर में अगले सात दिन में ही कोरोना संक्रमण का पीक आ सकता है। पांच हजार मरीज रोज मिल सकते हैं। तीन दिन से मरीजों का आंकड़ा 500 पार जा रहा है।
ग्वालियर भी चपेट में
ग्वालियर में 111 नए मरीज मिले। संक्रमित JAH के दो डॉक्टर, मुरार थाने के TI, एक MBBS छात्र, CRPF के ASI और एमिटी यूनिवर्सिटी से MBA कर रहा छात्र शामिल है। तहसीलदार शिवानी पांडेय को कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। दतिया जिले में 16, शिवपुरी 10, मुरैना में 17 और श्योपुर में 4 नए मरीज मिले हैं। रतलाम में 24 पॉजिटिव मिले। जबलपुर में 96 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। छिंदवाड़ा में 15 और रीवा में 8 नए केस मिले हैं।
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