रायपुर 03 जनवरी (वेदांत समाचार)। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बीते दिनों हुए धर्म संसद कार्यक्रम में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले आरोपित कालीचरण की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है। अब वे उच्च कोर्ट में अपील के लिए जा सकते हैं।
महाराष्ट्र पुलिस को कालीचरण का वारंट नहीं मिला है। कोर्ट ने प्रोडक्शन वारंट देने से मना कर दिया। ट्रांजिट रिमांड के लिए कल फिर से अपील करेगी महाराष्ट्र पुलिस। महाराष्ट्र पुलिस ने सीजेएम भूपेंद्र वासनीकर की कोर्ट में प्रोडक्शन वारंट की अर्जी लगाई थी।
अर्जी पर सोमवार को रायपुर सेशन कोर्ट में सुनवाई दोपहर भोजन अवकाश के बाद शुरू हुई। कालीचरण की जमानत याचिका पर सीजेएम विक्रम चंद्रा की कोर्ट में लगी थी। सुनवाई से पहले ही कोर्ट परिसर में बड़ी संख्या में कालीचरण के समर्थक पहुंच गए थे।
बता दें कि शुक्रवार को कोर्ट ने कालीचरण को 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में सेंट्रल जेल भेज दिया था। रविवार को महाराष्ट्र ठाणे खडक पुलिस ने रविवार को प्रोडक्शन वारंट के लिए प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट निधि शर्मा की अदालत में अर्जित लगाई थी। रेगुलर कोर्ट में महाराष्ट्र पुलिस दोबारा अर्जी लगाएगी।
मालूम हाे कि रावणभाठा मैदान में धर्म संसद के दौरान कालीचरण के विवादित बयान के बाद कांग्रेस नेता ने टिकरापारा थाने में एफआइआर दर्ज करवाई थी। इसी मामले में महाराष्ट्र के अकोला में एफआइआर दर्ज करवाई गई थी। केस टिकरापारा थाना पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया है।
इस मामले में प्रोडक्शन वारंट के लिए पहुंची ठाणे खडक पुलिस
19 दिसंबर को हिंदू अघाड़ी द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान भड़काऊ भाषण देने पर 21 दिसंबर को धर्म विशेष की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में कालीचरण समेत छह लोगों पर खडक थाने में एफआइआर दर्ज हुई थी। मामला दर्ज होने के बाद से कालीचरण फरार चल रहा था। महाराष्ट्र की ठाणे खडक पुलिस प्रोडक्शन वारंट में लेने आई है। कालीचरण के अलावा मिलिंद रमाकांत एकबोटे, मोहन राव सेटे, दीपक बाबूराव नागपुरे और कालीचरण, कैप्टन दीगेंद्र कुमार, नंदकिशोर रमाकांत एकबोटे के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
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