केले को दूसरे फलों के साथ क्यों नहीं रखना चाहिए और इसका रंग भूरा क्‍यों हो जाता है, यह है इसका विज्ञान…

अक्‍सर केलों को दूसरे फलों के साथ रखा जाता है, लेकिन विज्ञान के नजरिए से ऐसा करना ठीक नहीं माना जाता. विज्ञान कहता है कि केलों से ईथेन गैस कहती है. यह गैस इसके पकने के लिए जिम्‍मेदार होती है. यही कारण है कि केला कुछ ही दिनों में पक जाता है. जानिए इस गैस का केले और दूसरे फलों पर क्‍या असर पड़ता है…

विज्ञान कहता है, केले से निकलने वाली गैस ही इसे पकाती है. ऐसी स्थिति में केले में मौजूद स्‍टार्च शुगर में तब्‍दील जाता है, यही वजह है कि इसमें मीठापन बढ़ जाता है और कुछ दिनों बाद यह अध‍िक पक जाता है. यह अधिक सॉफ्ट होने लगता है. इसके आसपास दूसरे फलों को रखने पर वो भी पकने लगते हैं. यह गैस का ही असर है. (PS: Freepik)

विज्ञान कहता है, केले से निकलने वाली गैस ही इसे पकाती है. ऐसी स्थिति में केले में मौजूद स्‍टार्च शुगर में तब्‍दील जाता है, यही वजह है कि इसमें मीठापन बढ़ जाता है और कुछ दिनों बाद यह अध‍िक पक जाता है. यह अधिक सॉफ्ट होने लगता है. इसके आसपास दूसरे फलों को रखने पर वो भी पकने लगते हैं. यह गैस का ही असर है.

अब सवाल है कि क्‍या केले के इर्द-गिर्द रखे गए सभी फल पकने लगते हैं या नहीं? केले के साथ रखे जाने वाले ज्‍यादातर फलों पर इससे निकलने वाली गैस का असर दिखता है. जैसे- केले के साथ सेब और नाशपाती को रखने पर कुछ घंटों बाद यह पके हुए नजर आने लगते हैं और ये मुलायम होने लगते हैं.. वहीं, संतरा, नींबू और बेरीज ऐसे फल हैं जिन पर ईथेन गैस का असर नहीं होता. (PS: Healthline)

अब सवाल है कि क्‍या केले के इर्द-गिर्द रखे गए सभी फल पकने लगते हैं या नहीं? केले के साथ रखे जाने वाले ज्‍यादातर फलों पर इससे निकलने वाली गैस का असर दिखता है. जैसे- केले के साथ सेब और नाशपाती को रखने पर कुछ घंटों बाद यह पके हुए नजर आने लगते हैं और ये मुलायम होने लगते हैं.. वहीं, संतरा, नींबू और बेरीज ऐसे फल हैं जिन पर ईथेन गैस का असर नहीं होता.

केला भूरे रंग में क्‍यों तब्‍दील हो जाता है, अब इसका विज्ञान भी समझ लीजिए. केलों पर रिसर्च कर रहे एक्‍सेटर यूनिवर्सिटी के शोध डॉ. डैन बेबर कहते हैं, सेब, आलू, एवोकाडो जैसे दूसरे फलों के मुकाबले केला बहुत जल्‍द ही ब्राउन दिखने लगता है. इसकी वजह इसमें मौजूद एक एंजाइम है.  (PS: Kingarthur)

केला भूरे रंग में क्‍यों तब्‍दील हो जाता है, अब इसका विज्ञान भी समझ लीजिए. केलों पर रिसर्च कर रहे एक्‍सेटर यूनिवर्सिटी के शोध डॉ. डैन बेबर कहते हैं, सेब, आलू, एवोकाडो जैसे दूसरे फलों के मुकाबले केला बहुत जल्‍द ही ब्राउन दिखने लगता है. इसकी वजह इसमें मौजूद एक एंजाइम है.

डॉ. डैन बेबर कहते हैं, केले में पॉलीफिनॉल ऑक्‍सिडेज एंजाइम पाया जाता है. यह एंजाइम केले में मौजूद फ‍िनॉलिक केमिकल को ऑक्‍सीजन की मदद से क्‍विनोन्‍स में तब्‍दील करता है. ऑक्‍सीजन से रिएक्‍शन होने के बाद इस केमिकल के असर के कारण केला भूरा दिखने लगता है. (PS: Healthshots)

डॉ. डैन बेबर कहते हैं, केले में पॉलीफिनॉल ऑक्‍सिडेज एंजाइम पाया जाता है. यह एंजाइम केले में मौजूद फ‍िनॉलिक केमिकल को ऑक्‍सीजन की मदद से क्‍विनोन्‍स में तब्‍दील करता है. ऑक्‍सीजन से रिएक्‍शन होने के बाद इस केमिकल के असर के कारण केला भूरा दिखने लगता है.