Yadradi Temple: पहाड़ पर ब्लैक ग्रेनाइट स्टोन से बना एक ऐसा मंदिर, जिसमें ईंट-सीमेंट वगैरह का इस्तेमाल नहीं किया गया हो… गर्भगृह के गुंबद में 125 किलो सोना मढ़ा जा रहा हो, ऐसे मंदिर की भव्यता का अंदाजा आप लगा सकते हैं? यहां बात हो रही तेलंगाना के यदाद्री भुवनगिरी स्थित लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी के भव्य मंदिर के बारे में. लंबे समय से इस मंदिर के रेनोवेशन का काम चल रहा था, अब नए साल में भक्तों के लिए यदाद्री मंदिर खोला जा रहा है.
इस मंदिर की खूबसूरती ऐसी है कि बड़े-बड़े महल भी इसके सामने फीके पड़ जाएं. आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर की तरह यहां लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी का भव्य मंदिर बनाया गया है. अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर का अनुमानित बजट 1100 करोड़ बताया गया है, वहीं इस मंदिर का बजट 1200 करोड़ बताया गया है. मंदिर को ब्लैक ग्रेनाइट स्टोन से तैयार किया गया है और दावा है कि अगले 1000 साल तक मंदिर का कुछ नहीं बिगड़ेगा.
स्कंद पुराण में यदाद्री मंदिर का उल्लेख मिलता है. ऐसी मान्यता है कि महर्षि ऋष्यश्रृंग के पुत्र यद ऋषि ने भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए यहां तपस्या की थी. प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने नृसिंह रूप में उन्हें दर्शन दिए थे. महर्षि यद की प्रार्थना पर ही भगवान नृसिंह यहां तीन रूपों में विराजमान हुए. कहा जाता है ध्यानस्थ पौराणिक नृसिंह प्रतिमा दुनियाभर में एकमात्र इसी मंदिर में है. यहां एक गुफा में भगवान नृसिंह की तीन मूर्तियां हैं. साथ में माता लक्ष्मीजी भी हैं. करीब 12 फीट ऊंची और 30 फीट लंबी इस गुफा में ज्वाला नृसिंह, गंधभिरंदा नृसिंह और योगानंदा नृसिंह प्रतिमाएं स्थापित हैं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, वैष्णव संत चिन्ना जियार स्वामी के मार्गदर्शन में इसका पुनर्निर्माण शुरू हुआ था. यह मंदिर यदाद्रीगुट्टा पहाड़ी पर 510 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. मंदिर में 12 फीट ऊंची और 30 फीट लंबी गुफा है. आंध्रप्रदेश से विभाजन के बाद तेलंगाना सरकार ने इसे भव्य रूप देने की योजना बनाई और यदाद्री मंदिर विकास प्राधिकरण का गठन किया. मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव इसके चेयरमैन हैं. मंदिर का निर्माण शास्त्रों के मुताबिक ही कराया गया है. ब्लैक ग्रेनाइट पत्थरों को जोड़ने के लिए सीमेंट नहीं बल्कि चूने का प्रयोग किया. इस मंदिर की नक्काशी देखते ही बनती है.
कैसे पहुंच सकते हैं यदाद्री मंदिर? ….. यहां सबसे नजदीकी एयरपोर्ट हैदराबाद है, जहां से बस या टैक्सी से 60 किमी दूर यदाद्री भुवनगिरी पहुंचा जा सकता है. रेल मार्ग से आप यदाद्री भुवनगिरी रेलवे स्टेशन पहुंच सकते हैं, जहां से मंदिर की दूरी महज 13 किमी है. टैक्सी लेकर आप मंदिर पहुंच सकते हैं.
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