रायपुर 31 दिसम्बर (वेदांत समाचार)। रायपुर के सवा सौ साल पुराने गोलबाजार की 579 दुकानों का मालिकाना हक देने की प्रक्रिया तेज हो गई है। इसके लिए जिला प्रशासन, निगम और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग की संयुक्त टीम ने सर्वे और मूल्यांकन पूरा कर लिया है।सर्वे और क्रास वेरीफिकेशन के बाद बाजार की संपत्तियों का मूल्यांकन कर रिपोर्ट तैयार कर ली गई है,अब इसका प्रकाशन करने के साथ दावा-आपत्ति मंगाने की तैयारी की जा रही है।उसके बाद दुकानदारों को दुकानों का मालिकाना हक देने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी।दुकान बेचने से निगम को इससे 103 करोड़ रुपये मिलेंगे।
नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि गोलबाजार की कीमती जमीन और उस पर बने मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर से ही नगर निगम को 103 करोड़ रुपये का लाभ मिलेगा।इस पर अंतिम फैसला मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी लेगी।इधर सर्वे और मूल्यांकन दर आदि रिपोर्ट मिलने के बाद दावा आपत्ति की सारी प्रक्रियाओं पर प्रशासन समेत निगम को कलेक्टर सौरभ कुमार दिशा-निर्देश की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। महापौर एजाज ढेबर ने बताया कि निगम को मिलने वाले राजस्व के अलावा रजिस्ट्री प्रक्रिया से प्रशासन को भी लगभग दस करोड़ रूपये का राजस्व मिल जायेगा।अभी निगम को गोलबाजार की 579 दुकानों को हर साल 55 लाख रुपये किराया मिल रहा है।
एकमुश्त राशि के साथ 25 लाख मिलेगा प्रापर्टी टैक्स
अभी मालिकाना हक के बाद एकमुश्त बड़ी रकम मिलने के साथ ही प्रापर्टी टैक्स में ही हर साल 25 लाख रुपये तक मिलेगा। निगम के अधिकारियों ने बताया कि टैक्स का फार्मेट साल 2005 से लेकर अब तक अपडेट नहीं हो पाया है।अगर यह अपडेट हुआ तो टैक्स का राजस्व भी बढ़ जाएगा।अधिकारियों के दावा-आपत्तियों के निराकरण के बाद कारोबारी जहां काबिज है उन दुकानों की अंतिम सूची तैयार की जाएगी।
सूची को राज्य शासन के समक्ष भेजा जाएगा। शासन से स्वीकृति मिलते ही दुकानों की रजिस्ट्री शुरू कर दी जाएगी। इस तरह रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू होने में कम से कम तीन महीने का समय लगेगा।उम्मीद की जा रही है कि गोलबाजार की दुकानों का कारोबारियों को मालिकाना हक देने के प्रस्ताव पर अमल जल्द होने के आसार हैं।इसकी औपचारिक शुरुआत डेढ़ साल पहले घोषणा के साथ हुई थी, लेकिन व्यावहारिक तौर पर प्रक्रिया तब शुरू हुई जब शासन से निगम को टोकन पर गोलबाजार की जमीन दी गई।
दावा आपत्ति को 21 दिन
गोलबाजार के दुकानों के लिए नाम प्रकाशन के बाद जिला प्रशासन कारोबारियों को दावा आपत्ति के लिए लगभग 21 दिन का समय मिलना तय माना जा रहा है।निगम के राजस्व अधिकारियों ने संकेत दिया कि व्यापारियों की संख्या को देखते हुए यह समय प्रर्याप्त होगा।इसके बाद एमआइसी में इस पर संकल्प पारित किया जाएगा।
ड्राइंग डिजाइन भी जल्द
दावा आपत्ति के साथ ही गोलबाजार को व्यवस्थित करने वहां नागरिक सुविधा बढ़ाने के लिए दिल्ली के आर्किटेक्ट की बनाई डिजाइन पर भी व्यापारियों से चर्चा के बाद काम शुरू किया जाएगा।इसे लेकर दो स्तर पर बैठक हो चुकी है।अंतिम बैठक जवनरी के दूसरे सप्ताह में हो सकती है।
जल्द होगा सर्वे मूल्यांकन का प्रकाशन
गोलबाजार की दुकानों का सर्वे व मूल्यांकन का प्रकाशन जल्द ही कर दिया जायेगा।इसके बाद दावा आपत्ति मंगाई जायेगी।इसका निराकरण के बाद अंतिम सूची तैयार कर शासन को भेजा जायेगा।
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