Contact Lenses vs Glasses: चश्मा पहनें या कॉन्टेक्ट लेंस, जानें दोनों के फायदे और नुकसान…

एक वक्त ऐसा था कि वक्त के साथ आंखों की रोशनी कम होती थी, लेकिन आज के वक्त में ऐसा नहीं है. आज युवा हों या फिर बच्चे सभी के अंदर रोशनी कम होने की समस्या देखी जा रही है. यही कारण है कि चश्मा पहनना है या कॉन्टेक्ट लेंस का यूज किया जा रहा है. दोनों के यूज करने के अपने फायदे और नुकसान हैं.

कुछ लोगों को लगता है कि लेंस लगाना सही नहीं होता है तो कुछ को चश्मा. आज हम आपको बताएंगे क‍ि चश्मे और कॉन्टेक्ट लेंस के इस्तेमाल के बीच मूलभूत अंतर क्‍या है? और इनमें से आंखों के ल‍िए क्‍या सही है?

कॉर्निया से दूरी

जो भी लोग लेंस का यूज करते हैं उनको बता दें कि लेंस सीधे आंखों पर पहने जाते हैं और कॉर्निया के साथ ये सीधा संपर्क में रहते हैं जबकि चश्‍मा दूर रहता है क्योंकि ये आंखों पर पहना जाता है. कई बार कॉन्टेक्ट लेंस के ज्यादा यूज से आंखों में इंफेक्‍शन का डर रहता है, दरअसल लेंस पहनने और उतारने के लिए बार बार आंखों को भी छूते हैं जिससे इंफेक्शन फैलता है.

दृष्टि में अंतर

चश्मे के लेंस आंखों से कुछ दूर पर होते हैं, जिस कारण से रोशनी की थोड़ी की समस्या रहती ही है, जबकि कॉन्टेक्ट लेंस से आपको एकदम सटीक विजन मिलता है. चश्मे से साइड विजन में हमेशा ही हर किसी को दिक्कत रहती है.जबकि कॉन्‍टेक्‍ट लेंस के साथ ये दिक्‍कत नहीं होती है ये आपके आई बॉल्‍स के शेप के मिल जाते है जिससे आप किसी भी दिशा में आसानी से देख पाते हैं.

इस्तेमाल में आसानी

कुछ लोग पूरे टाइम चश्मा पहनने से परेशान रहते हैं, क्योंकि उनको बार बार फ्रेम को भी ठीक करना पड़ता है. पसीने में चश्मे से आंखों में दिक्कत होती है. जबकि किसी एक्टिविटी में भी चश्मे के कारण परेशानी का सामना करना पड़ता है. कई ऐसी चीजें हैं, जिनमें चश्मा परेशानी का कारण बनता है, जबकि लेंस के साथ ऐसा कुछ नहीं होता है.

लुक्स में अंतर

अक्सर कॉन्टेक्ट लेंस पहनना इसलिए भी पसंद किया जाता हैं क्‍योंक‍ि इसको पहनने से नेचुरल लुक मिलता है. आप स्टाइल के लिए गोगल का यूज भी कर पाते हैं.जबकि चश्मा थोड़ा सा अस्वाभाविक लगता है. कई बार चश्में से आपकी उम्र भी ज्यादा दिखने लगती है.

कॉन्‍टेक्‍ट लेंस के नुकसान

अगर आप कॉन्‍टेक्‍ट लेंस पहनकर ज्यादा देर तक कंप्‍यूटर पर काम करते हैं तो इससे कंप्‍यूटर विजन सिंड्रोम के लक्षण दिखाई दे सकते हैं. आपको बता दें कि लेंस लगाने से आंखों में ऑक्‍सीजन का प्रवाह कम होता है और ड्राईनेस बढ़ जाती है. लगातार ज्यादा देर तक लेंस लगाने से भी आंखों में दिक्कत हो जाती है. इसके अलावा हमेशा ही कॉन्‍टेक्‍ट लेंसेज का उचित रख रखाव जरूरी होता है.अगर आप लेंस का समुचित रख रखाव नहीं कर पा रहे हैं तो आपको डिस्‍पोजेबल लेंस लेने चाहिए.

चश्‍मा पहनने के नुकसान

चश्‍मा आपकी आंखों पर 12 एमएम (लगभग आधा इंच) को ही कवर करता है. जिससे पेरीफेरल विजन प्रभावित हो सकता है. चश्मे से कई बार फोकस करना मुश्किल हो जाता है.

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