छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित धर्म संसद में महात्मा गांधी को गाली देने के मामले में सुर्खियों में आए कालीचरण महाराज को अब पुलिस ने गिरफ्त में ले लिया है। रायपुर पुलिस ने आज तड़के मध्य प्रदेश के खजुराहो में दबिश देकर कालीचरण महाराज को हिरासत में लिया। भावसार समाज से संबंध रखने वाले कालीचरण महाराज का वास्तविक नाम अभिजीत धनंजय सराग है। उनके पिता का नाम धनंजय सराग और माँ का नाम सुमित्रा सराग है। कालीचरण महाराज का परिवार एक साधारण परिवार हैं उनके पिता धनंजय सराग एक दवाई दुकान चलाते हैं जो महाराष्ट्र में अकोला के जयन चौक में है।
8वीं तक हुई है कालीचरण महाराज की पढ़ाई
मूलतः महाराष्ट्र के अकोला के शिवाजी नगर निवासी कालीचरण महाराज की पढ़ाई केवल 8वीं कक्षा तक हुई है। 8वीं तक की पढ़ाई अकोला शहर के पेठ में टाउन जिला परिषद की। उसके बाद उन्होंने बीच में ही स्कूल की पढ़ाई छोड़ दी। कालीचरण महाराज को पास से जानने वाले बताते हैं कि उनकी रूचि धार्मिक अध्ययन में अधिक थी और उन्होंने कई धर्मग्रंथों का अध्ययन किया है।
ऐसे बने अभिजीत सराग से कालीचरण महाराज
अभिजीत का झुकाव बचपन से ही अध्यात्म और धर्म की ओर था। उसमें भी काली माता के प्रति अभिजीत की विशेष श्रद्धा थी। समय के साथ अध्यात्म की ओर झुकाव बढ़ता गया। इसके बाद उन्होंने स्वयं के कालीपुत्र ‘कालीचरण’ घोषित कर दिया। परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण अभिजीत को उसकी मौसी के घर पर इंदौर भेज दिया गया। इसी कारण मराठी भाषी क्षेत्र से होने के बाद भी कालीचरण महाराज की हिन्दी पर पकड़ अच्छी है। वहां वे भय्यूजी महाराज के आश्रम में जाने लगे और भय्यूजी महाराज से उनका करीब का संबंध हो गया। यहीं से उनके नए नाम से ‘महाराज’ जुड़ा और अभिजीत धनंजय सराग से कालीचरण महाराज बनने का सफर तय हुआ।
स्वघोषित कालीपुत्र हैं कालीचरण
कालीचरण महाराज ने स्वयं को काली का पुत्र घोषित किया है। उनका कहना है कि वे महाराज नहीं बल्कि ‘काली माता’ का भक्त और पुत्र है। इसलिए वे खुद को अगस्त्य मुनि का शिष्य भी बताते हैं। उनका कहना है कि बचपन में हुई एक दुर्घटना में उनका पैर टूट गया था जिसके बाद स्वयं माता काली ने आकर उस टूटे पैर को ठीक किया था। उन्होंने कई बार कहा है कि माता काली उसके सपने में आती हैं और दर्शन देती हैं। 45 वर्षीय कालीचरण महाराज के 6000 से अधिक शिष्य हैं।
अलग वेशभूषा बनी पहचान
इंदौर में निवास के समय कालीचरण महाराज ने एक अलग और अनोखी वेशभूषा अपनाई और काफी कम समय में वे लोगों के बीच प्रसिद्धि पाने लगे। कालीचरण महाराज के बाल काफा लम्बे हैं ओर अधिकर वे खुले बाल रखते हैं इसके साथ ही वे माथे पर लाल रंग की बड़ी सी बिंदी लगाते हैं। वे अधिकर पर लाल रंग के कपड़े में ही देखे जाते हैं। हल्की दाढ़ी, रुद्राक्ष की माला उनकी अलग में शामिल हैं। कालीचरण महाराज की फिजिकल फिटनेस भी काफी अच्छी है इसे मेंटेन रखने के लिए वे रोज जिम में समय व्यतीत भी करते हैं।
शिव तांडव स्त्रोत के वायरल वीडियो से मिली देश में प्रसिद्धि
पिछले साल कालीचरण महाराज का एक वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो गया था। इसमें उन्हें शिव तांडव स्त्रोत गाते देखा गया था। इस वीडियो से ही कालीचरण महाराज को देश भर में देश में प्रसिद्धि मिली थी। फिल्म अभिनेता अनुपम खेर ने भी इस वीडियो को शेयर किया था।
कालीचरण महाराज ने राजनीति में भी हाथ आजमाया है। हालाँकि उन्हें राजनीति में कोई विशेष सफलता नहीं मिली।
बता दें कालीचरण महाराज के द्वारा गाए गए शिव तांडव स्त्रोत के एक अन्य विडियो को यूट्यूब 21 मिलियन से अधिक बार देखा जा चुका है।
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