तमिलनाडु क्रिकेट टीम ने एक बार फिर से घरेलू क्रिकेट में अपने रुतबे की झलक दिखाई. विजय हजारे ट्रॉफी में टीम उपविजेता बनी. फाइनल में हिमाचल प्रदेश के हाथों उसे हार झेलनी पड़ी. लेकिन इससे पहले तमिलनाडु ने शानदार खेल दिखाया. टीम के नए-नवेले तेज गेंदबाज रघुपति सिलम्बरसन ने इस टूर्नामेंट में काफी प्रभावित किया. उन्होंने सात मैच में 15 विकेट लिए. वे सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में चौथे नंबर पर रहे. विकेट लेने में उनसे आगे रहने वाले गेंदबाजों में से दो ने उनसे एक-एक मैच ज्यादा भी खेला. रघुपति सिलम्बरसन का बॉलिंग एक्शन स्लिंग वाला है यानी मलिंगा की तरह वे भी साइड से बॉल फेंकते हैं. इससे बल्लेबाजों को उन्हें पढ़ने में दिक्कत होती है.
सिलम्बरसन पढ़ाई-लिखाई में भी अच्छे हैं. उन्होंने 10वीं कक्षा में टॉप किया था. फिर इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया. जब वे चेन्नई में लीग क्रिकेट खेलने गए तब उनकी टीम ने उनका बस किराया दिया था. मगर इसके बाद से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. वे तमिलनाडु जिले के सेंडीराकिल्लई गांव के रहने वाले हैं. उनके माता-पिता दिहाड़ी मजदूरी करते थे. ऐसे में उनके लिए क्रिकेट में आगे बढ़ना आसान नहीं था. गांव में कथित ऊंची जाति के बच्चे उन्हें साथ खिलाते नहीं थे. इस बारे में न्यू इंडियन एक्सप्रेस अखबार से सिलम्बरसन ने कहा,
वे मुझे साथ नहीं लेते थे. मुझे उस समय समझ नहीं आता था. और ऐसे में मैं नारियल के पेड़ की डाली लेता और पुरानी रबड़ की गेंद लेकर खेलता था. इनसे खेला करता था. मुझे गेंद को मारना पसंद था लेकिन कोई मिलता नहीं था जो बॉल फेंक सके. एक बार जब मैं गेंद को मारते-मारते थक गया तो मैंने दौड़कर बॉल फेंकना शुरू कर दिया. फिर ऐसा तब तक किया जब तक कि ब्रेक लेने की जरूरत नहीं पड़ी. यह देखकर गांव के लोगों ने सोचा कि मैं पागल हो गया हूं.
छोटे भाई को देखकर किया स्लिंग एक्शन
कुछ बच्चों ने सिलम्बरसन को अकेले खेलते हुए देखा. उन्होंने उनकी बॉलिंग देखकर उन्हें अपने साथ ले लिया. सिलम्बरसन की स्पीड काफी तेज थी. बाद में उन्हें लेने के लिए टीमों में लड़ाइयां होती थीं. सिलम्बरसन का बॉलिंग एक्शन लसित मलिंगा जैसा है. लेकिन इसकी कहानी भी दिलचस्प है. जब मलिंगा ने डेब्यू किया था तब सिलम्बरसन के छोटे भाई ने टीवी पर उन्हें बॉलिंग करते हुए देखा. फिर उनकी बॉलिंग की नकल की. सिलम्बरसन ने बताया,
मैं उसकी बॉलिंग खेल ही नहीं पाया. मुझे गेंद को छूने में भी दिक्कत हुई. इसलिए मैंने उस तरह से बॉलिंग करने की प्रैक्टिस शुरू की और जल्द ही वैसा एक्शन कर लिया. इसके बाद उसी एक्शन से मैच खेलने लगा. फिर पूरे जिले में मेरे एक्शन की खबर फैल गई.
16 साल की उम्र के बाद टीवी पर देखा मैच
16 साल की उम्र तक रघुपति सिलम्बरसन ने टीवी पर लाइव क्रिकेट नहीं देखा. फिर एम करुणानिधि के मुख्यमंत्री रहते हुए तमिलनाडु सरकार ने जब टीवी बांटे तब उन्हें लाइव मैच देखने को मिला. उन्होंने याद किया कि मलिंग को बॉलिंग करते देखकर वह किस तरह हैरान रह गए थे. उन्होंने कहा,
मैंने 2009 में पहली बार तेंदुलकर को बैटिंग करते हुए देखा. तब तक मैंने अखबारों में केवल फोटो में ही उन्हें देखा था. जब सरकार ने हमें टीवी दिया तब सबसे पहले मैंने केबल कनेक्शन लिया और जब मलिंगा को देखा तो लगा कि मेरा एक्शन भी काम कर सकता है.
विजय शंकर ने खेलते देखा और पलटी किस्मत
सिलम्बरसन ने अपनी पारिवारिक स्थिति के बारे में बताया कि उन्हें किसी ने काम करने को नहीं कहा लेकिन परिवार की हालात देखकर उन्होंने यह फैसला किया. उनकी मां अकेले ही कमाया करती थी. पिता भी मजदूरी करते थे. वे कई-कई दिनों तक गायब रहते थे लेकिन जब वापस आते तब उनके पास कोई पैसे नहीं होते थे. ऐसे में क्रिकेट खेलना काफी महंगा था. मां को केवल 30 रुपये मिलते थे जबकि दूसरे शहर में खेलने जाने पर ही 26 रुपये लग जाया करते थे. ऐसे में वे काम करने लगे. लेकिन साथ में खेलते भी थे.
टीम साथियों ने भरी कॉलेज फीस
एक बार सिलम्बरसन जब एक लोकल मैच में खेल रहे थे तब वहां पर क्रिकेटर विजय शंकर भी मौजूद थे. उनकी बॉलिंग देखने के बाद विजय शंकर ने उन्हें इंडिया सीमेंट्स के ट्रायल्स के लिए बुलाया. यहां कोच बॉलिंग से प्रभावित हुए और वे टीम में चुन लिए गए. इसके बाद उन्हें खेलने और रहने की बेहतर सुविधाएं मिलीं. यहां रहते हुए इंडिया सीमेंट्स ने गुरु नानक कॉलेज में उनका एडमिशन कराया. वहीं विजय, बाबा अपराजित और बाबा इंद्रजीत ने उनकी फीस भरी. बाकी टीम साथियों ने उनकी एग्जाम फीस भरी.
रघुपति सिलम्बरसन को पिछले सीजन में तमिलनाडु टीम में जगह मिली. तब आंध्रा के खिलाफ उन्होंने डेब्यू मैच खेला. इसके बाद हालिया तमिलनाडु प्रीमियर लीग में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया. सिलम्बरसन ने इस फॉर्म को विजय हजारे ट्रॉफी में भी जारी रखा. अब उन्हें कई आईपीएल टीमों ने ट्रॉयल के लिए बुलाया है.
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