सरकारी भर्तियों में धांधली से नाराज CRPF असिस्टेंट कमांडेंट ने भेजा राष्ट्रपति को इस्तीफा, डोटासरा पर लगाए गंभीर आरोप…

राजस्थान सरकार ने हाल में अपने कार्यकाल के 3 साल पूरे किए लेकिन बीते काफी समय से प्रदेश में हुई सरकारी नौकरी भर्तियों की परीक्षा में लगातार धांधली के आरोप गहलोत सरकार पर लगते रहे हैं. परीक्षाओं में धांधली को लेकर कई युवा सड़कों पर भी उतरे. हाल में भर्ती परीक्षाओं की धांधली के मुद्दे को एक बार फिर हवा मिली जब पैरामिलट्री फोर्स के एक युवा अफसर ने इस वजह से आहत होकर अपना इस्तीफा राष्ट्रपति के नाम डिर्पाटमेंट को भेज दिया.

झुंझुनूं जिले के रहने वाले सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट विकास जाखड़ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर राजस्थान में हो रही धांधलियों पर चिंता जताते हुए कहा कि युवाओं का भविष्य खराब हो रहा है. बता दें कि विकास जाखड़ को उनकी बहादुरी के लिए शौर्य चक्र से भी नवाजा जा चुका है.

विकास जाखड़ ने अपने पत्र में आरोप लगाते हुए कहा कि राजस्थान सरकार भर्तियों में भ्रष्टाचार रोक पाने में नाकाम रही है और भ्रष्टाचार का कारण माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डीपी जरौली और पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंदसिंह डोटासरा है. हालांकि विकास का इस्तीफा अभी मंजूर नहीं हुआ है.

बता दें कि सीआरपीएफ में नौकरी के 10 साल पूरे होने से पहले इस्तीफा देने से ट्रेनिंग आदि का खर्च खुद वहन करना पड़ता है ऐसे में विकास ने बताया कि उन्होंने करीब सवा चार लाख रुपए दे दिए हैं.

पत्नी भी दे सकती है इस्तीफा

गौरतलब है कि विकास के इस्तीफा देने के बाद उनकी पत्नी सुमन पूनियां ने मांगों पर विचार नहीं होने पर इस्तीफा देने का ऐलान किया है. बता दें कि विकास की पत्नी सुमन पूनियां चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत है.

जाखड़ ने सरकार के सामने 5 सूत्री मांग रखी है जिनमें रीट परीक्षा निरस्त करवाने से लेकर परीक्षा की धांधलियों पर सीबीआई जांच, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डीपी जरोली को सेवा से हटाना, समय पर परीक्षाएं करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन करने और नकल माफियाओं पर कड़े कानून लाना शामिल है.

पहले उठाई किसान राहत कोष बनाने की मांग

विकास जाखड़ ने इससे पहले किसानों के लिए एक राहत कोष बनाने की मांग उठाई है, उस दौरान विकास ने झुंझुनूं जिले के तत्कालीन कलेक्टर दिनेश यादव को अपने और अपनी पत्नी के 12 लाख रुपए करीब जेवरात कोष बनाने के लिए दान किए थे, हालांकि बाद में कलेक्टर ने गहने और पैसे लौटा दिए थे. इसके अलावा विकास प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष, नेशनल डिफेंस फंड और साइंस एंड टेक्नॉलोजी बोर्ड में हर महीने आर्थिक सहायता देते हैं.

मालूम हो कि झारखंड के जंगलों में नक्सली ऑपरेशन को अंजाम देने वाले विकास जाखड़ ने फिलहाल 9 साल सेवा में दिए हैं और वह वर्तमान में 36 साल के हैं ऐसे में उनकी अभी 24 साल की सेवाएं बाकी है