दलित छात्रों ने बावर्ची को हटाने के विरोध में खाना खाने से किया इनकार, प्रशासन ने आम सहमति के बाद सुलझाया मामला..

उत्तराखंड के चंपावत जिले के एक सरकारी स्कूल में दलित छात्रों ने अनुसूचित जाति की बावर्ची को बर्खास्त किए जाने के बाद अगड़ी जाति की एक महिला द्वारा बनाया गया दोपहर खाना खाने से इनकार कर दिया. हालांकि, जिला प्रशासन ने रविवार को कहा कि दोनों समुदायों के सदस्यों के बीच आम सहमति के बाद इस मुद्दे को सुलझा लिया गया है.

चंपावत के जिला मजिस्ट्रेट विनीत तोमर ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि दलित छात्र कल से नई रसोइया द्वारा तैयार खाना फिर से खाना शुरू करेंगे. सुखीडांग में एक सरकारी इंटर कॉलेज में एक दलित बावर्ची को तब बर्खास्त कर दिया गया था, जब छठी से आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले अगड़ी जाति के 43 बच्चों ने उसके द्वारा पकाया हुआ खाना खाने से इनकार कर दिया था.

23 छात्रों ने भोजन खाने से इनकार

चंपावत शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने हालांकि उसे नौकरी से हटाए जाने का कारण नियुक्ति में प्रक्रियागत चूक को बताया था. उसके बाद दलित महिला की जगह अगड़ी जाति की महिला को काम पर रखा गया था. इसके जवाब में विद्यालय 23 दलित छात्रों ने नयी बावर्ची द्वारा बनाया गया भोजन खाने से इनकार कर दिया.

कांग्रेस और भीम आर्मी करेगी विरोध

तोमर ने कहा कि जांच शुरू कर दी गई है और एक सप्ताह में रिपोर्ट आने की उम्मीद है. दलित बावर्ची को हटाने की खबरें सामने आने के बाद कांग्रेस के राज्य सभा सदस्य प्रदीप टम्टा ने कहा कि उनकी उनकी पार्टी महिला के संवैधानिक अधिकारों को बहाल करने के लिये एक अभियान शुरू करेगी. भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि यदि दलित महिला को वापस काम पर नहीं रखा गया तो उनका संगठन मुख्यमंत्री पुष्कर धामी का घेराव करेगा.

ये है मामला

उत्तराखंड के चंपावत जिले के सुखीखांग इंटर कॉलेज में मिड डे मील तैयार करने को लेकर चल रहे विवाद में नया मोड़ गया है और अब स्कूल के दलित छात्रों ने सवर्ण के हाथ से बना खाने से मना कर दिया है. हालांकि पहले सवर्ण वर्ग के छात्रों ने दलित के हाथ से बने खाने को खाने से मना कर दिया था. फिलहाल इस मामले में ताजा विवाद सामने आया है और इसमें अनुसूचित जाति के छात्रों ने सवर्ण जाति की भोजनमाता माता द्वारा तैयार भोजन का बहिष्कार कर दिया है. छात्रों का कहना है कि जब सामान्य छात्र अनुसूचित जाति के भोजनमाता द्वारा तैयार भोजन नहीं खा रहे हैं तो फिर हम भी उच्च जाति के भोजनमाता द्वारा तैयार भोजन नहीं खाएंगे. फिलहाल राज्य में मामला सामने आने के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इसके आदेश दिए हैं.