कोरबा 22 दिसम्बर ( वेदांत समाचार ) । शिक्षक पंचायत/नगरीय निकाय संघ छत्तीसगढ़ के प्रांताध्यक्ष डॉ. गिरीश केशकर ने प्रदेश के सहायक शिक्षकों की एक सूत्रीय मांग के संबंध में मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखते हुए कहा है कि प्रदेश के प्राथमिक शिक्षा और उसमें अपनी सेवा दे रहे सहायक शिक्षकों का दर्जा मां के समान है। मुख्यमंत्री जी को शीघ्र अति शीघ्र सहायक शिक्षकों की मांग पूरी करनी चाहिए। देखिए उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम अपने पत्र में क्या लिखा है उन्हीं के शब्दों में
प्रदेश की प्राथमिक शिक्षा एवं सहायक शिक्षक पूरी शिक्षा व्यवस्था की रीढ़ है। वास्तव में सहायक शिक्षक शिक्षा व्यवस्था की मां है। जिस प्रकार एक नवजात बच्चे को पूरी जिम्मेदारी और तरह तरह की तकलीफों को सह कर एक माता अपने बच्चों को बड़ा करती है। उसे चलना, बोलना और भविष्य में आने वाली हर कठिनाईयो के लिये तैयार कर एक योग्य और जिम्मेदार नागरिक बनाती है ठीक उसी प्रकार प्रदेश की प्राथमिक शालाओं में अपनी सेवा दे रहे सहायक शिक्षक एक मां की तरह ही बच्चों को भविष्य के लिये तैयार कर एक योग्य नागरिक बनाती है।
एक मां का दर्जा और सम्मान क्या होना चाहिये ये बताने की आवशयकता ही नहीं है क्योकि व्यक्ति चाहे प्रधानमंत्री बन जाये, चाहे मुख्यमंत्री बन जाये या संसार के सर्वोच्च पद पर ही क्यों न आसीन हो जाये, अपने मां के प्रति उसका मान सम्मान सर्वोच्च ही रहता है। उसकी हर सुख सुविधा का पूरा ध्यान रखना संतान का फर्ज होता है। आज पूरी शिक्षा व्यवस्था की मां के रूप में सहायक शिक्षक अपनी भूमिका पूरी जिम्मेदारी से निभा रहे है। वास्तव में सहायक शिक्षकों का वेतनमान अन्य सभी शिक्षकों से उच्च होना चाहिये। उनका दर्जा पूरी शिक्षा व्यवस्था में सर्वोच्च होना चाहिये। कुछ भी असंभव नहीं है यदि करना चाहें तो, ये भी तो बच्चों को एक मां ही सिखाती है। फिर आज सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति दूर करने में इतना वक्त क्यों लग रहा है जबकि आपने स्वयं ही स्वीकार किया है कि सहायक शिक्षकों के वेतनमान में बड़ी विसंगती है।
परम आदरणीय माननीय मुख्यमंत्री जी आपसे बड़ी विनम्रता पूर्वक करबद्ध निवेदन है कि सहायक शिक्षकों का वेतन यदि किसी कारणवश अन्य शिक्षकों से ज्यादा नहीं किया जा सकता तो कम से कम उनका वेतन उच्च वर्ग शिक्षक से कुछ अंतर रखके उच्च शिक्षक के आसपास करने की महती कृपा करेंगे। आप एक संवेदनशील मुख्यमंत्री हैं। मर्म एवं सवेदनाओं को समझते हैं। हमें पूर्ण विशवास है कि आप प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था के मां के रूप में सेवा दे रहे सहायक शिक्षकों की मांग शीघ्रता शीघ्र जरूर पूरी करेंगे।
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