मोहाली 21 दिसम्बर(वेदांत समाचार)। पंजाब की राजनीति में सोमवार आधी रात हड़कंप मच गया। ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन ने थाना मोहाली में वरिष्ठ अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। केस फेज 4 के स्टेट ब्रांच में दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई हजार करोड़ के ड्रग्स रैकेट मामले में की गई है। मजीठिया पर मामला 25, 27ए व 29 एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज किया गया है।
नशा तस्करी के मामले में लगातार कांग्रेस की तरफ से बिक्रम सिंह मजीठिया का नाम लिया जा रहा था। पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिद्धू का तो दावा था कि स्पेशल टास्क फोर्स की रिपोर्ट में बिक्रम मजीठिया का नाम है। वे लगातार मजीठिया पर कार्रवाई की बात कह रहे थे। इसी के चलते कुछ दिन पहले पंजाब में इकबालप्रीत सहोता को हटाकर सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को डीजीपी पद पर नियुक्त किया गया था।
नए डीजीपी इससे पहले भी बादल परिवार के वित्तीय लेनदेन की जांच कर चुके हैं। आधी रात को डीजीपी को बदलने से पंजाब के हजारों करोड़ रुपये के ड्रग मामले में गतिविधियां काफी तेज हो गई थी। माना जा रहा था कि यह कदम ड्रग केस में कार्रवाई के लिए उठाया गया है। इससे पहले पंजाब में नवजोत सिद्धू लगातार डीजीपी बदलने की मांग कर रहे थे। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी सहोता को लेकर अड़े हुए थे। इस बीच अचानक ब्यूरो आफ इंवेस्टिगेशन के डायरेक्टर एसके अस्थाना का पत्र लीक होने से सरकार पर दबाव बढ़ गया था।
सरकार के साथ ही सूबे के सियासी गलियारों में यह चर्चा होने लगी थी कि अस्थाना के डीजीपी को लिखे पत्र का कुछ हिस्सा लीक होना सीधे तौर पर कांग्रेस को कमजोर कर शिअद को सियासी फायदा पहुंचाना है। अब सरकार पर सिद्धू भी दबाव बना रहे हैं कि ड्रग मामले में सरकार को जल्द ही गिरफ्तारियां शुरू करनी चाहिए।
पंजाब के हजारों करोड़ रुपये के ड्रग कारोबार मामले में सुनवाई के दौरान पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट भी पंजाब सरकार को खरी-खरी सुना चुका है। हाईकोर्ट ने कहा था कि सरकार के पास ड्रग्स कारोबार से संबंधित रिपोर्ट मौजूद है, इस पर हाईकोर्ट ने कोई रोक नहीं लगाई थी, इसके बावजूद अब तक सरकार ने कार्रवाई क्यों नहीं की।
पंजाब सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ एडवोकेट दुष्यंत दावे और पंजाब के एडवोकेट जनरल डीएस पटवालिया हाल में हाईकोर्ट में पेश हुए थे। उन्होंने दलील दी थी कि इस मामले की सुनवाई मेंसरकार को स्पष्ट कर दिया गया है कि रिपोर्ट पर कार्रवाई पर रोक नहीं है। अब सरकार जल्द कार्रवाई कर सकती है।
जानें क्या है मामला…
पंजाब के पूर्व डीजीपी जेल शशिकांत ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस संजय किशन कौल के नाम पत्र भेजकर बताया था कि पंजाब के 70 प्रतिशत युवा ड्रग्स के आदी हैं। कुछ राजनेताओं एवं पुलिस अधिकारियों की शह के कारण ही पुलिस बड़े ड्रग्स माफिया को नहीं पकड़ पा रही है। शशिकांत ने पंजाब सरकार को उन नेताओं एवं पुलिस अधिकारियों की सूची दी थी जो इस कारोबार में शामिल हैं। सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने पर शशिकांत ने चीफ जस्टिस को पत्र लिख इस पर कार्रवाई की मांग की थी।
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