कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों में स्थानीय लोगों को चारागाह भूमि तक निर्बाध पहुंच की सुविधा प्रदान करने पर चर्चा कराने की मांग को लेकर सोमवार को लोकसभा में कार्यस्थगन का नोटिस दिया. हालांकि, सदन में इस मुद्दे पर बहस की इजाजत नहीं मिली. इसके बाद राहुल गांधी ने कहा कि हम संसद में लद्दाख पर चर्चा चाहते थे लेकिन सरकार ने हमें इसकी इजाजत नहीं दी.
उन्होंने कहा, लद्दाख की जनता को हम बताना चाहते हैं कि हम उनके साथ हैं और उनके जो भी मुद्दे हैं उसे उठाएंगे. उनकी लड़ाई को हम लड़ेंगे. राहुल गांधी ने कहा कि सरकार को चलाने की जिम्मेदारी सरकार की होती है विपक्ष की नहीं. लोकसभा महासचिव को दिए गए नोटिस में कांग्रेस नेता ने आग्रह किया था कि सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों के चारागाह के अधिकार के महत्वपूर्ण विषर्य पर चर्चा की जाए.
गृह राज्य मंत्री को हटाए सरकार- राहुल
उन्होंने कहा कि जहां तक पारंपरिक रूप से लोग चारे के लिए जाते थे वहां तक निर्बाध पहुंच सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं. उधर, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कानून मंत्रालय की ओर से मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों को ‘तलब किए जाने’ के विषय को लेकर कार्यस्थगन का नोटिस दिया.
बीजेपी द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं होने के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि हमारा पक्ष साफ है कि सरकार गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को हटाए और संसद में लखीमपुर खीरी मुद्दे पर बहस करने दे, जो कि सरकार करने नहीं दे रही. हम लद्दाख का मुद्दा उठाना चाहते हैं सरकार उठाने नहीं दे रही. किसानों का मुद्दा उठाना चाहते हैं लेकिन सरकार इसके लिए तैयार नहीं है. हमारे सांसद निलंबित हुए लेकिन सरकार उस पर चर्चा नहीं करने दे रही.
सदन चलता रहे ये जिम्मेदारी भी सरकार की
राहुल गांधी ने आगे कहा, बार-बार ये बात होती है कि हम सदन नहीं चलाने दे रहे. उन्होंने एक बार फिर इस बात को दोहराया कि सदन चलाने की जिम्मेदारी सरकार की होती है. साथ ही सदन चलता रहे ये जिम्मेदारी भी सरकार की होती है.
दरअसल, विपक्ष ने रविवार को राज्यसभा के 12 सदस्यों के निलंबन के मुद्दे को हल करने के लिए सरकार द्वारा चार दलों के नेताओं को निमंत्रण भेजा गया था जिसे विपक्ष ने खारिज किया है. राज्यसभा में नेता पीयूष गोयल द्वारा सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर चर्चा और इसके समाधान के लिए बैठक के आह्वान के बाद संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोमवार सुबह बैठक के लिए चार राजनीतिक दलों के नेताओं को आमंत्रित किया था.
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