ओमीक्रॉन वेरिएंट को लेकर बढ़ा खतरा, डेल्टा से मिलकर बना सकता है ‘सुपर स्ट्रेन’, विशेषज्ञों ने चताई चिंता…

कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है. इससे पहले कोरोना के डेल्टा स्ट्रेन (Delta variant) ने इस साल की शुरुआत में दुनियाभर में जबर्दस्त तबाही मचाई थी, खासतौर से अप्रैल-मई में भारत में. इस दौरान देश में कुछ ही समय में लाखों लोगों की मौत हो गई थी. अब विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि ओमीक्रॉन और डेल्टा मिलकर बड़ा खतरा बन सकते हैं.

अब, ओमीक्रॉन नाम के नए म्यूटेंट वेरिएंट के साथ यह जोखिम कई गुना बढ़ गया है, इसने वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों को फिर से यह विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है कि वायरस का यह उभरता स्ट्रेन कितना घातक हो सकता है. हालांकि, अब विशेषज्ञों की राय है कि यदि कोई मरीज एक ही समय में SARS-CoV-2 वायरस के डेल्टा और ओमीक्रॉन दोनों रूपों से संक्रमित हो जाता है, तो यह एक तहर का ‘सुपर स्ट्रेन’ होगा और यह बेहद खतरनाक हो सकता है.

डेल्टा का तुलना में 30 गुना ज्यादा खतरा

ऐसा माना जाता है कि वायरस का ओमीक्रॉन वेरिएंट वैक्सीन के प्रति प्रतिरक्षित है और इसमें उच्च स्पाइक प्रोटीन होता है, जो डेल्टा वेरिएंट की तुलना में 30 गुना अधिक होता है, जिससे इसे नियंत्रित करना और भी मुश्किल हो जाता है.

मॉडर्ना के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर पॉल बर्टन ने ब्रिटेन की संसद की विज्ञान और प्रौद्योगिकी समिति को बताया कि ओमीक्रॉन दुनिया भर में जितनी तेजी से फैल रहा है, इसे देखते हुए सुपर स्ट्रेन की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. उन्होंने ब्रिटेन के सांसदों से कहा कि यह बहुत संभव है कि दोनों वेरिएंट्स जीन को स्वैप कर सकते हैं तथा एक और भी खतरनाक वेरिएंट बना सकते हैं. विशेषज्ञों की राय है कि इसकी संभावना कम है लेकिन ऐसा होने की संभावना बनी रहेगी.

91 से ज्यादा ओमीक्रॉन वेरिएंट के मामले

इस बीच, एक अध्ययन से पता चला है कि ओमीक्रॉन वेरिएंट के साथ फिर से संक्रमण का खतरा अपने पूर्ववर्तियों की तुलना में पांच गुना अधिक है और यह डेल्टा की तुलना में हल्का होने का कोई संकेत नहीं दिखाता है.

लंदन में इंपीरियल कॉलेज द्वारा किए गए अध्ययन के परिणाम यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी और राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (National Health Service) के उन लोगों के आंकड़ों पर आधारित थे, जिन्होंने 29 नवंबर से 11 दिसंबर के बीच कोविड-19 से संक्रमित हुए थे.

दुनियाभर में ओमीक्रॉन के मामले तेजी से फैलते जा रहे हैं. यह वेरिएंट अब तक 91 देशों में फैल चुका है और अब तक 27 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. जहां तक भारत की बात है तो अब तक 12 राज्यों में यह फैल चुका और 100 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं.

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