जयशंकर ने ताजिकिस्तान के विदेश मंत्री सिरोजिद्दीन मुहरिद्दीन से की मुलाकात, भारत-मध्य एशिया वार्ता में हिस्सा लेने पहुंचे हैं नई दिल्ली…

विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने शनिवार को ताजिकिस्तान (Tajikistan) के विदेश मंत्री सिरोजिद्दीन मुहरिद्दीन (Sirojiddin Muhriddin) का स्वागत किया. सिरोजिद्दीन मुहरिद्दीन भारत के तीन दिवसीय यात्रा (Sirojiddin Muhriddin India Visit) पर आए हैं. यहां पर वह भारत-मध्य एशिया वार्ता (India-Central Asia Dialogue) की तीसरी बैठक में भाग लेंगे. जयशंकर ने ट्वीट कर कहा, ‘भारत में ताजिकिस्तान के विदेश मंत्री सिरोजिद्दीन मुहरिद्दीन का स्वागत करते हुए खुशी हो रही है. हम बातचीत के लिए तत्पर हैं.’

ताजिकिस्तान के विदेश मंत्री मुहरिद्दीन और जयशंकर दोनों देशों के हित के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे. सिरोजिद्दीन मुहरिद्दीन 18-20 दिसंबर तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर हैं और भारत-मध्य एशिया वार्ता की तीसरी बैठक में भाग लेंगे. रविवार को जयशंकर नई दिल्ली (New Delhi) में भारत-मध्य एशिया वार्ता की तीसरी बैठक की मेजबानी करेंगे. तुर्कमेनिस्तान (Turkmenistan), कजाकिस्तान (Kazakhstan), ताजिकिस्तान (Tajikistan), किर्गिस्तान (Kyrgyzstan) और उजबेकिस्तान (Uzbekistan) के विदेश मंत्री बैठक में भाग लेंगे.

पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे सभी विदेश मंत्री

इसी दौरान 19 दिसंबर को सभी देशों के मंत्रियों के संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा होने की उम्मीद है. भारत-मध्य एशिया वार्ता की तीसरी बैठक के हिस्से के रूप में, मध्य एशियाई देशों के विदेश मंत्रियों के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से मुलाकात की उम्मीद है. इससे पहले भारत द्वारा दूसरी बैठक अक्टूबर 2020 में डिजिटल वीडियो कॉन्फ्रेंस फॉर्मेट में आयोजित की गई थी. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने सत्ता में आने के बाद मध्य एशियाई देशों के साथ संबंधों को और प्रगाढ़ किया है.

अफगानिस्तान समेत इन विषयों पर होगी चर्चा

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया था कि अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद पैदा हुए हालात को लेकर भी वार्ता में चर्चा होगी. उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि इस संवाद के सदस्यों के हितों को देखते हुए क्षेत्रीय विकास निश्चित रूप से उनकी बातचीत का एक महत्वपूर्ण तत्व होगा. उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय संपर्क भी एक महत्वपूर्ण तत्व है और विदेश मंत्री भारत और मध्य एशिया के बीच व्यापार और पारगमन संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा करेंगे.