योगेंद्र यादव ने किसान नेताओं को दी सलाह, बोले चुनाव लड़ने के लिए नहीं करें SKM के नाम का इस्तेमाल; दी ये दलील..

जय किसान आंदोलन के फाउंडर योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav) ने किसान नेताओं को चुनाव लड़ते समय संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) का नाम इस्तेमाल नहीं करने को कहा है. उन्होंने किसान नेताओं से कहा कि अगर वो चुनाव में एसकेएम (SKM) के नाम का इस्तेमाल करते हैं तो लोगों का आंदोलन (Farmer Protest) से भरोसा टूट जाएगा. संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले ही 40 से ज्यादा किसान संगठन पिछले एक साल से कृषि कानूनों के खिलाफ और अन्य मांगो के साथ दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे थे.

एक मीडिया वेबसाइट के अनुसार योगेंद्र यादव ने कहा कि चुनाव लड़ने का हक सबकों है लेकिन हमारे नेताओं को एसकेएम का नाम इस्तेमाल करने से बचना चाहिए. अगर एसकेएम का नाम इस्तेमाल करते हैं तो जनता में गलत संदेश जाएगा. इससे लोगों में आंदोलन का भरोसा भी टूट जाएगा.

राजनीतिक पार्टियों को हुआ हमारी ताकत का एहसास

आंदोलन से हासिल हुई उपलब्धियों को लेकर किए गए सवाल पर योगेंद्र यादव ने कहा कि किसानों की मांगें स्वीकार की गई हैं. इसमें कोई शक नहीं है. लेकिन इस दौरान 700 से ज्यादा किसानों की जान भी गई है, ये बहुत बड़ा नुकसान है. उन्होंने कहा कि हमने एकता और आत्मसम्मान पाया और राजनीतिक पार्टियों को हमारी ताकत का एहसास कराया.

यादव ने कहा कि किसान नेता 15 जनवरी को दिल्ली में बैठक करेंगे. इस बैठक में किसानों की लंबित मांगो पर केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर चर्चा की जाएगी. इससे पहले 8 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की अहम बैठक से पहले योगेंद्र यादव ने कहा था कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ शुरू किए गए एक साल से अधिक समय से चलने वाला आंदोलन में ‘निर्णायक मोड़’ पर पहुंच गया है. अब आंदोलन की भविष्य की कार्रवाई को तय किया जाएगा. एसकेएम के सदस्य यादव ने सिंघू बॉर्डर पर कहा कि हम इस ऐतिहासिक आंदोलन के निर्णायक मोड़ पर पहुंच गए हैं. लंबी सुरंग के अंत में उम्मीद की किरण निकली है. एसकेएम 40 किसान संघों का एक संठगन है और यह तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई कर रहा है. इन कानूनों को केंद्र सरकार ने निरस्त कर दिया है.

मिशन उत्तर प्रदेश के तहत करेंगे विरोध

वहीं योगेंद्र यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वो मिशन उत्तर प्रदेश के तहत योगी सरकार का जोरदार विरोध करेंगे. वहां के चर्चित लखीमपुर प्रकरण में अभी तक आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने कहा कि अभी आंदोलन खत्म नहीं हुआ है. हां मोर्चा जरूर उठा है. यादव ने आगे कहा कि असली लड़ाई अब शुरू हुई है. खाद, पानी, बिजली और एमएसपी समेत तमाम मुद्दों पर संघर्ष करेंगे.