JPSC परीक्षा के रिजल्ट पर गहराया विवाद, राज्यपाल ने आयोग के सचिव से फिर मांगी रिपोर्ट, BJP ने भी साधा निशाना…

14 दिसम्बर(वेदांत समाचार)। झारखंड लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विस परीक्षा परिणाम को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. अभ्यर्थियों की तरफ से परीक्षा परिणाम पर उठाई गई आपत्तियों को लेकर अब झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने आयोग के सचिव से जवाब मांगा है. दूसरी ओर, झारखंड बीजेपी के अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी ने जो JPSC पर गड़बड़ी के आरोप लगाए थे वह सच साबित हुए है. JPSC अपनी नियमावली का पालन करते हुए सभी छात्रों का OMR शीट वेबसाइट पर अपलोड करें.

बता दें कि 24 नवंबर को राज्यपाल ने आयोग के चेयरमैन अमिताभ चौधरी को राजभवन तलब कर परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी के आरोपों पर उनसे जवाब मांगा था. राज्यपाल से मुलाकात के बाद जेपीएससी ने अपनी वेबसाइट पर उम्मीदवारों की आपत्तियों का जवाब दिया था, लेकिन आंदोलित अभ्यर्थियों ने जेपीएससी के जवाबों को नकार दिया था.

परीक्षा परिणाम घोषित किये जाने के बाद शुरू हुआ विवाद

बता दें कि, जेपीएससी ने 7वीं से 10वीं सिविल सेवा के लिए संयुक्त रूप से अक्टूबर में प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की थी. विगत एक नवंबर को इसका रिजल्ट घोषित किया गया. रिजल्ट आने के साथ ही इसपर विवाद शुरू हो गया था. सबसे बड़ा विवाद लगातार क्रमांक वाले 3 दर्जन से भी ज्यादा अभ्यर्थियों के उत्तीर्ण होने से खड़ा हुआ. आपत्ति इस बात पर उठी कि क्या एक साथ इतने मेधावी छात्र एक ही कमरे में परीक्षा दे रहे थे? अभ्यर्थियों ने सरकार की आरक्षण नीति का सही तरीके से अनुपालन नहीं किए जाने और अपेक्षाकृत कम अंक लाने वाले परीक्षार्थियों को उत्तीर्ण घोषित करने जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए राज्यपाल को साक्ष्य सौंपे हैं.आयोग ने परीक्षा में पहले सफल घोषित किए गए 57 उम्मीदवारों को अब असफल घोषित कर दिया है. आयोग का कहना है कि इनमें से 49 उम्मीदवारों की ओएमआर शीट नहीं मिल रही है. इसके अलावा 8 उम्मीदवारों को अन्य कारणों से असफल घोषित किया गया है.

झारखंड बीजेपी के अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा,  “भारतीय जनता पार्टी ने जो JPSC पर गड़बड़ी के आरोप लगाए थे वह सच साबित हुए है. लेकिन यह सिर्फ प्रारम्भिक गड़बड़ी है जिसे भाजपा और छात्रों के दबाव में JPSC ने स्वीकार किया है. JPSC अपनी नियमावली का पालन करते हुए सभी छात्रों का OMR शीट वेबसाइट पर अपलोड करें.” गौरतलब है कि झारखंड लोक सेवा आयोग अपनी स्थापना के प्रारंभिक काल से ही लगातार विवादों में रहा है. स्थापना के 20 सालों के दौरान आयोग सिविल सेवा की केवल 6 परीक्षाएं ले पाया और इन सभी के रिजल्ट पर विवाद रहा है. 2 सिविल सेवा परीक्षाओं में गड़बड़ियों की तो सीबीआई जांच भी चल रही है.