झारखंड में नक्सलियों ने बरपाया कहर, 23 महीने में 35 ग्रामीणों की ली जान

झारखंड में नक्सलियों (Jharkhand Naxalite) का कहर लगातार बढ़ रहा है. नक्सलियों के निशाने पर ग्रामीण हैं. पिछले 23 महीने के दौरान राज्य में सक्रिय अलग-अलग नक्सली संगठनों के द्वारा 35 लोगों की हत्या (Naxalite Murder) कर दी गई. झारखंड पुलिस मुख्यालय के आंकड़े के अनुसार साल 2020 में 26 लोगों की हत्या कर दी गई. वहीं, साल 2021 में नवंबर महीने तक 09 लोगों की हत्या कर दी गई थी. झारखंड पुलिस लगातार नक्सलियों पर लगाम लगाने की कोशिश कर रही है, लेकिन इसके बाबजूद लगातार नक्सली ग्रामीण लोगों को निशाना बना रहे हैं. हाल में एक करोड़ के इनामी राशि वाले नक्सली प्रशांत बोस (Naxalite Prashant Bose Arrest) की गिरफ्तारी के बाद से नक्सलियों ने जवाबी कार्रवाई तेज कर दी है.

पिछले 23 महीने के दौरान नक्सली संगठनों के द्वारा 23 वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया. साल 2020 में 16 और साल में 2021 में नवंबर महीने तक 07 वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया. इसके अलावा इन 23 महीनों के दौरान कुल 28 नक्सल हमले की घटनाएं हुई है. किडनैपिंग के 06, आईईडी ब्लास्ट की 20 और पुलिस पर हमला करने की कुल 05 घटनाएं हुई है.

मुखबिरों को निशाना बना रहे हैं नक्सली

प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के निशाने पर पुलिस के मुखबिर हैं. पुलिस को चप्पे-चप्पे की जानकारी मिले, इसलिए पुलिस अनाधिकृत तौर पर मुखबिरों को बहाल करती है. नक्सली गतिविधि और दूसरी ऐसी खबरों के बदले पुलिस की तरफ से मुखबिरों को कुछ इनाम भी मिलता है. इनाम में क्या और कितना मिलता है. यह भी सरकार के रिकॉर्ड में नहीं होता. नक्सली इलाकों में मुखबिरों की ही वजह से पुलिस को कई बार बड़ी कामयाबी मिलती है. लेकिन इस बात की जानकारी नक्सलियों को अगर हो जाती है तो फिर वो खबर देने वाले मुखबिर को जान से मार देते हैं. हाल के महीने में इस तरह के कई ऐसे मामले हैं, जिसमें मुखबिरी का आरोप लगाकर नक्सलियों ने लोगों को मारा है.

हाल में गुमला जिले के कुरुमगढ़ थाने पर की थी गोलीबारी

हाल नक्सलियों ने गुमला जिले के चैनपुर प्रखंड के कुरुमगढ़ थाने पर गोलीबारी की थी. इस दौरान पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की और नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया. पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई गोलीबारी के बाद पुलिस को भारी पड़ता देख नक्सली अंधेरे का फायदा उठाकर भाग खड़े हुए थे. इसके पहले कुछ दिनों पहले भी भाकपा माओवादियों ने कुरूमगढ़ के नवनिर्मित थानाभवन को बम लगाकर विस्फोट कर दिया था. इस मामले में पुलिस मुख्यालय ने लापरवाही बरतने के आरोप में गुमला एसपी डॉ एहतेशाम वकारिब को शो-कॉज किया गया था.