रायगढ़। तीन माह पहले मित्तल दम्पति की हत्या मामले में पुलिस टीम को सफलता हाथ लगी है। जानकारी के मुताबिक़ २२-23 सितम्बर को लैलूंगा के व्यवसायी मित्तल दंपती की नृशंस हत्या हुई थी। जिसके बाद पुलिस आरोपियों की पतासाजी कर रही थी लेकिन, आरोपियों का पता नहीं चल पा रहा था। फिलहाल हत्याकांड मामले की डीएनए रिपोर्ट आ चुकी है।
बताया जा रहा है कि हत्याकांड में पकड़े गए आरोपी ही अपराधी हैं। पुलिस ने मृतका के हाथ में मिले बाल का डीएनए और गिरफ्तार किए गए नाबालिग आरोपियों से मैच हो चुका है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि बीते 22-23 सितंबर की दरमियानी लैलूंगा में राईस मिलर व्यवसायी मदन मित्तल और उनकी पत्नी अंजू देवी की नृशंस हत्या हुई थी। इसके बाद पुलिस ने शक के आधार पर चार आरोपियों को पकड़ा था। इन आरोपियों में से तीन नाबालिग थे जबकि एक बालिग है। वहीं एक अन्य फरार है। पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के बाद अलग-अलग बयान देने लगे, जिसके बाद पुलिस विभाग के काम पर सवाल उठ रहे थे।
आरोप लगा था कि पुलिस ने अपनी नाकामी को छिपाने के लिए फर्जी कहानी गढ़ी और निर्दोष आरोपियों को पकड़ लिया है। इस मसले को लेकर हंगामा इतना बढ़ा था कि आला अधिकारियों ने आईजी डांगी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया था। विवाद को देखते हुए रायगढ़ पुलिस ने DNA परीक्षण कराने का फ़ैसला लिया था। कप्तान अभिषेक मीणा ने बताया कि लैलूंगा हत्याकांड को लेकर डीएनए रिपोर्ट आ गई है। मृतका अंजू देवी के हाथ से बाल मिला था, उसका डीएनए आरोपियों में से एक नाबालिग से मैच कर गया है, हमने सैंपलिंग की प्रक्रिया में भी पारदर्शिता रखी थी।” अब पुलिस आरोपियों के ख़िलाफ़ आगे की कार्रवाई कर रही है।
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