अगरबत्ती की राख से बनाई चाक, दो छात्राओं का बाल विज्ञान कांग्रेस प्रतियोगिता में चयन

कोरबा 10 दिसंबर। कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय कोरबा की छात्रा कुसुम कंवर और नेहा गोस्वामी ने स्कूल के निकट की मंदिर में जले अगरबत्ती की राख रंगीन चाक का निर्माण किया है। इसकी खासियत यह है कि यह सामान्य चाक से कम घिसती है और अधिक चलती है। बाल विज्ञान कांग्रेस की ओर से आयोजित प्रतियोगिता के तहत सतत जीवन में विकास निरूपण विषय वस्तु के तहत शोध माडलिंग प्रस्तुत की है। नवाचारी प्रयोग के लिए दोनों छात्राओं का माडल राज्य स्तरीय 29 वें बाल विज्ञान कांग्रेस प्रतियोगिता के लिए चयन हुआ हैं।

अपशिष्ट और अनुपयोगी सामानों को उपयोगी बनाने की दिशा छात्राओं की यह पहल सराहनीय है। छात्राओं ने बताया कि अपने शोध कार्य के लिए उन्होंने अपने आवासीय विद्यालय में जलने वाली अगरबत्ती से प्राप्त राख को नियममित संग्रहित किया। इसके अलावा विद्यालय के सामने स्थित हनुमान मंदिर एवं शिव मंदिर में जलाए जाने वाली अगरबत्ती के आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए प्रतिदिन निकलने वाली राख को एकत्रित की। राख से रंगीन चाक बनाकर उसका प्रयोग अपने विद्यालय के श्यामपट्ट पर किया। छात्राओं ने अपनी शोध के लिए मंदिर में आने वालों से विचार लिए। मार्गदर्शक शिक्षिका निशा पाटील सोनारे के सहयोग से उन्होंने अपना प्रोजेक्ट पूर्ण किया। शिक्षा निशा ने बताया कि प्रतिदिन निकलने वाले अगरबत्ती की राख को एकत्र कर उसमें निश्चित मात्रा में प्लास्टर आफ पेरिस एवम रंग मिलाकर रंगीन चौक का निर्माण किया गया इस प्रकार निकलने वाली राख का उपयोग सार्थक कार्य में किया गया। बाल वैज्ञानिकों के नवाचारी प्रयोग की विशेषत यह भी है कि यह सामान्य चाक कम घिसने के साथ अधिक समय तक चलने वाली है।

राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस की जिला समन्वयक डा फरहाना अली ने बताया कि 23 जिलों से राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए 126 प्रोजेक्ट प्रस्तुत किए गए थेए जिनमें से 16 का चयन राष्ट्रीय स्तर के लिए किया गया। कुसुम एवं नेहा का प्रोजेक्ट चयन सूची में चौथे नंबर पर है। उन्होने बताया कि जिला शैक्षिक समन्वयक कामता प्रसाद जायसवाल ने शिक्षकों की कार्यशाला में प्रोजेक्ट निर्माण के लिए महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई। बाल वैज्ञानिकों की इस उपलब्धि पर जिला शिक्षा अधिकारी जीपी भारद्वाज ने प्रशंसा करते हुए प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया है।