कलेक्टर की पहल पर पुणे में फंसे जिले के श्रमिकों को कराया गया मुक्त

0 पामगढ़ ब्लॉक सहित बिलासपुर जिले के 35 मजदूर हुए सकुशल मुक्त, भोजन एवं वापसी की करवाई गई व्यवस्था।

जांजगीर-चांपा ,10 दिसंबर, (वेदांत समाचार) कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी जितेन्द्र कुमार शुक्ला ने पामगढ़ व समीप के ग्रामों के श्रमिकों के बंधक बनाए जाने की सूचना पर तत्काल संवेदनशीलता के साथ कार्रवाई कर श्रमिकों को सकुशल मुक्त कराया। कलेक्टर के निर्देश पर श्रम पदाधिकारी डॉ. के. के. सिंह ने श्रमिकों को सकुशल मुक्त कराने तथा गृह ग्राम वापसी के लिए किराया व भोजन आदि व्यवस्था करवाई।श्रम पदाधिकारी ने बताया कि श्रमिकों द्वारा प्रेषित वाट्सअप मेसेज के आधार पर कार्रवाई कर श्रमिकों को मुक्त करवा लिया गया है।

 

कलेक्टर के निर्देश पर 07 दिसंबर को पुणे के उप श्रमायुक्त श्री अभय गीते से संपर्क कर तत्काल बंधक श्रमिकों मुक्त कराने कार्यवाही करने पत्र प्रेषित किया गया। अतिरिक्त कलेक्टर श्रीमती लीना कोसम ने जिला दण्डाधिकारी पुणे से समन्वय कर नवधा बाई यादव, राजेश्वर यादव, धमेन्द्र यादव, लव कुमारी सारथी ग्राम-चण्डीपारा पामगढ़, गीता बाई केंवट, नीलकमल निवासी ससहा पामगढ़ सहित बिलासपुर जिले के कुल 35 श्रमिकों को बंधन से मुक्त कराया गया। साथ ही उनकी वापसी का किराया और भोजन आदि के लिए व्यवस्था की गई।

कलेक्टर पुणे द्धारा वैधानिक कार्यवाही करते हुए उनकी मजदूरी का भुगतान और बंधन से मुक्त कराने की कार्रवाई की गई। उन्हें सकुशल गृह ग्राम वापसी के व्यवस्था की गई। कलेक्टर पुणे के निर्देश पर वहां के संबंधित तहसीलदार, सहायक श्रमायुक्त और पुलिस टीम ने आज 10 दिसंबर को कार्य स्थल में छापामारी कर श्रमिकों को कार्य स्थल से शाम 05.00 बजे मुक्त कराया गया । मुक्त हुए श्रमिकों के लिए उनके गंतव्य तक जाने का किराया, भोजन आदि की व्यवस्था कर गृह-ग्राम वापस भेजा गया।

श्रमिकों ने शिकायत में बताया था कि पुणे (महाराष्ट्र) के ठेकेदार द्वारा अधिक मजदूरी का लालच देकर बाला साहब ठाकरे नगर, जिला पुणे (महाराष्ट्र) में काम कराने के लिए लाया गया था। जहाँ उन्हें बंधक बनाकर कार्य कराया जा रहा है। मजदूरी का रकम नहीं दी जा रही है। उन्हें अपने गृह-ग्राम वापस जाने नहीं दिया जा रहा है। इसके अलावा मारपीट तथा अन्य प्रताड़ना की भी जानकारी दी गई थी।

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