10 दिसम्बर(वेदांत समाचार)। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के जोनल निदेशक समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) और उनकी पत्नी ने अपने खिलाफ सोशल मीडिया पर अपमानजनक कंटेट पब्लिश (Defamatory Content On Social Media) होने के संबंध में बॉम्बे सिटी सिविल कोर्ट (Bombay City Civil Court) का दरवाजा खटखटाया है. वानखेड़े दंपत्ति ने गूगल, फेसबुक और ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म पर ऐसे कंटेट के जाने पर रोक लगाने के लिए निर्देशित करने की मांग की है.
दरअसल हाल ही में आर्यन खान ड्रग्स केस में समीर वानखेड़े का नाम खूब उछला था. जिसके बाद से उनके खिलाफ सूबे के नेता नवाब मलिक समेत कई लोगों ने समीर वानखेड़े और उनकी पत्नी ने कई टिप्पणियां की थी. जिसके बाद अब दोनों ने डिंडोशी में बॉम्बे सिटी सिविल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म गूगल, फेसबुक/ मेटा और ट्विटर को उनके खिलाफ अपमानजनक सामग्री को प्रदर्शित करने या प्रकाशित करने से रोकने के लिए निर्देश देने की मांग की.
बॉम्बे हाई कोर्ट ने नवाब मलिक को लगाई थी फटकार
हाल ही में बॉम्बे हाई कोर्ट ने नवाब मलिक और उनके परिवार को निर्देश दिया है कि अब वे वानखेड़े फैमिली के खिलाफ कुछ भी पब्लिश नहीं करेंगे. कोर्ट ने अपने आदेश में साफ़ कहा है कि सीधे तौर पर या फिर इशारों में भी वानखेड़े परिवार के खिलाफ बयानबाजी नहीं की जाएगी. बता दें कि नवाब मलिक ने कुछ दिन पहले समीर की मां जाहिदा का डेथ सर्टिफिकेट साझा किया है. नवाब का दावा है कि उनकी मां मुसलमान थीं और उन्हें ओशिवारा के कब्रिस्तान में दफनाया गया था. नवाब मलिक ने आरोप लगाया है वानखेड़े परिवार ने जाहिदा के दो डेथ सर्टिफिकेट भी बनवाए हैं, एक में वे मुस्लिम हैं जबकि दूसरे में उन्हें हिंदू बना दिया गया है.
समीर वानखेड़े के पिता ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका डाल अपील की थी कि नवाब मलिक द्वारा उन पर और उनके परिवार के खिलाफ फिजूल की बयानबाजी नहीं की जाए. उन्होंने इस पर रोक लगाने की अपील की थी. अब वे समीर वानखेड़े और उनके परिवार के खिलाफ किसी भी तरह की बयानबाजी नहीं कर पाएंगे.
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